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सूडान में हमले में एशियन गेम्स मेडल विजेता भारतीय सैनिक शहीद

सूडान में तैनात भारतीय शांति सेना के दो जवान विद्रोहियों के हमले मेंशहीद हो गए . उनमें से एक धर्मेश सांगवान ने एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता था.

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सूडान में तैनात भारतीय शांति सेना के दो जवान विद्रोहियों के हमले में शहीद हो गए. उनमें से एक धर्मेश सांगवान ने एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल जीता था. धर्मेश सांगवान के माता-पिता दिल्ली के द्वारका में रहते हैं. दूसरे जवान का नाम है कंवर पाल सिंह. दोनों सैनिक सूबेदार थे. एक और जवान शाहबुल मंडल जख्मी हुआ है.

बताया जाता है कि गुरुवार को दक्षिणी सूडान में लगभग 2,000 विद्रोहियों ने भारतीय शांति सैनिकों पर हमला बोल दिया. विद्रोही अपने विरोधी गुट के सदस्यों को ढूंढ रहे थे. जोंगलेई प्रांत में भारतीय सैनिकों पर दूसरी बार यह हमला हुआ.

सेना ने बाताया कि गुरुवार को विद्रोहियों के हमले में हरियाणा के रहने वाले सूबेदार धर्मेश सांगवान और सूबेदार कंवर पाल सिंह मारे गए. उन पर संभवतः लाउ नियूर्स कबीले के लोगों ने हमला किया. वे अपने विरोधी कबीले डिंका के लोगों को ढूंढ रहे थे. धर्मेश राजपूताना राइफल्स में थे, जबकि कंवर पाल आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में थे. वहां पर कुल 35 भारतीय शांति सैनिक थे और उन पर 2,000 विद्रोहियों ने हमला किया.

सांगवान 29 दिसंबर को 35 साल के होने वाले थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी के अलावा नौ साल का बेटा और सात साल की बेटी भी है. सांगवान खिलाड़ी थे और उन्होंने दोहा एशियन गेम्स में नौका दौड़ (रोइंग) में सिल्वर मेडल जीता था. वह दिल्ली राज्य तथा राजपूताना राइफल्स सेंटर की टीम के कोच भी थे.

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उनके छोटे भाई कपिल सांगवान सब्जी और फल बेचकर अपना गुजारा करते हैं. धर्मेश दोनों ही परिवारों का पालन पोषण करते थे.

ठीक तीन दिनों पहले 47 वर्षीय कंवर ने अपने घर फोन किया था और कहा था कि वह अपने परिवार वालों के लिए क्रिसमस के उपहार लाएगा. उनका घर भोंडसी में है और वह छुट्टी पर 5 जनवरी को आने वाले थे. फरवरी महीने में वह रिटायर होने वाले थे.

कंवर के पिता कन्हैया सिंह ने कहा, 'मेरा सब कुछ लुट गया. अब मैं अपने बेटे की लाश का इंतज़ार कर रहा हूं.'

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