एक बच्चे को चूमते तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) के हालिया वीडियो ने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी. दलाई लामा के इस व्यवहार की बड़े पैमाने पर निंदा की गई थी. लेकिन भारत में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के एक शीर्ष नेता ने इसे चीन समर्थित कुछ लोगों की साजिश करार दिया है.
सीटीए के शीर्ष नेता पेन्पा सेरिंग सिक्योंग ने फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस वीडियो की वजह से दलाई लामा पर लगाए जा रहे आरोपों से तिब्बत के लोग आहत हैं. इस वीडियो से छेड़छाड़ दलाई लामा की छवि को धूमिल करने की मंशा से की गई है और इसमें चीन समर्थित लोगों का हाथ है.
उन्होंने कहा कि चीन जोर जबरदस्ती से तिब्बत पर शासन कर रहा है और वह इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से वैधता हासिल करने की कोशिश में लगा है.
उन्होंने दलाई लामा के इस व्यवहार को एक 'निर्दोष दादा का प्यारभरा आचरण' बताया, जो असल में एक तरह का मजाक था. लेकिन अब इस पूरे प्रकरण में विक्टिम कौन है? उस बच्चे ने कोई शिकायत नहीं की, उसकी मां भी शिकायत नहीं कर रही. लेकिन विक्टिम बन गए हमारे दलाई लामा.
'वायरल वीडियो से छेड़छाड़ की गई'
सेरिंग ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो क्लिप सर्कुलेट की जा रही है, उससे छेड़छाड़ की गई है. इस पूरे प्रकरण को समझने के लिए इस पूरे वीडियो को देखा जाना चाहिए. यह घटना 28 फरवरी को सुगलागखांग में हुई थी, जो मैक्लॉडगंज में तिब्बत का मुख्य मंदिर है. लेकिन वीडियो को बाद में वायरल किया गया. हमारी जांच में हमें पता चला है कि इस मामले को अलग रंग देने वाले चीन समर्थित लोग हैं. इससे इस वीडियो को वायरल करने वालों की मंशा का पता चलता है.
उन्होंने कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं है कि दलाई लामा की छवि, उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने से किसे फायदा होगा. किसी की छवि को खराब करने की मंशा से शुरू किए गए इस दुष्प्रचार को ध्यान में रखते हुए इस घटना के राजनीतिक एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि लोगों ने इस वीडियो को अलग नजरिए से देखा. लेकिन मैं उसमें उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगा. उनकी अपनी राय हो सकती है और वे इसे अपने एंगल से देख सकते हैं क्योंकि इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. दलाई लामा 87 साल के हैं. उन्होंने अपनी पूरा जीवन सादगी से ब्रह्मचर्य के व्रत के साथ जिया है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले एक बच्चे की दलाई लामा से मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में लामा को उस बच्चे के होठों पर किस करते देखा जा सकता है. इसके बाद दलाई लामा उस बच्चे से अपनी 'जीभ चूसने' को कहते हैं. इस वीडियो पर ऑनलाइन यूजर्स खूब भड़के थे.
इस पर विवाद बढ़ने के बाद दलाई लाना ने अपने बयान में कहा था कि अगर उनके शब्दों से कोई आहत हुआ है, तो वह लड़के और उसके परिवार से माफी चाहते हैं, साथ ही दुनियाभर के अपने दोस्तों से भी. दलाई लामा अक्सर जिन लोगों से मिलते हैं, उन्हें मजाकिया अंदाज में चिढ़ाते हैं, पब्लिक में भी और कैमरा के सामने भी. उन्हें घटना पर खेद है.'
हालांकि, बाद में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के इस व्यवहार को कुछ लोगों ने तिब्बत की एक प्रथा से भी जोड़ा था.
जीभ से जुड़ी प्रथा
दलाई लामा का बचाव करने वाले कुछ लोगों ने इसे एक तिब्बती प्रथा बताया था, जो किसी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए की जाती है. हालांकि जब इससे जुड़ी रिपोर्ट्स देखी गईं तो मालूम हुआ कि प्रथा के मुताबिक, जीभ दिखाकर स्वागत किया जाता है. इसमें जीभ चूसने जैसी कोई बात नहीं है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत में किसी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए जीभ दिखाने की प्रथा है. ये प्रथा यहां 9वीं सदी से चली आ रही है.
ऐसा तभी से हो रहा है, जब लांग दर्मा नाम के राजा का शासन था. उसकी काले रंग की जीभ थी. इस राजा को लोग बिलकुल पसंद नहीं करते थे. तिब्बत के लोगों का मानना है कि राजा का पुनर्जन्म हुआ है. तो ये साबित करने के लिए वह पिछले जन्म में राजा नहीं थे, अपनी जीभ दिखाते हैं. हालांकि इस रिपोर्ट में या फिर किसी अन्य रिपोर्ट में जीभ चूसने वाली बात नहीं लिखी गई है.