ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग का असर अब अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा पर भी दिखने लगा है. अमेरिका के ईरान के परमाणु फैसिलिटीज पर हमले के बाद यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और सुरक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस संघर्ष के चलते अमेरिका में खतरे का स्तर बढ़ गया है और देश को साइबर हमलों और आतंकवादी घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है.
अमेरिका पर हमले का खतरा
सूत्रों के मुताबिक, ईरान समर्थित हैकिंग गिरोह अमेरिकी नेटवर्क पर साइबर हमले कर सकते हैं. इसके अलावा, ईरानी सरकार से जुड़े साइबर अपराधी भी अमेरिकी सरकारी और निजी नेटवर्क्स को निशाना बना सकते हैं. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ईरान अपनी सैन्य योजना के तहत 2020 में मारे गए एक शीर्ष सैन्य कमांडर की मौत के लिए जिम्मेदार अमेरिकी अधिकारियों को अभी भी टारगेट करना चाहता है.
रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ साइबर नहीं, बल्कि जमीन पर भी खतरे की संभावना बढ़ गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ईरानी नेतृत्व की ओर से किसी प्रकार का धार्मिक फतवा जारी किया गया, जिसमें अमेरिका में बदला लेने का आह्वान किया गया हो, तो इससे देश के अंदर कट्टरपंथी तत्वों के सक्रिय होने और हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की आशंका और तेज हो जाएगी. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ईरान-इज़रायल टकराव और इसके वैश्विक प्रभाव के चलते, अमेरिका में नई आतंकी साजिशें रची जा सकती हैं.
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने जारी किया अलर्ट
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष की शुरुआत के बाद से विदेशी आतंकवादी संगठनों जिनमें हमास, लेबनानी हिज़्बुल्ला, हूती विद्रोही, और पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन जैसे समूह शामिल हैं उन्होंने मीडिया के माध्यम से कई बयान जारी किए हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इनमें से कुछ संगठनों ने मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों और अमेरिकी कर्मियों पर हमला करने का आह्वान किया है, जो इज़रायल द्वारा किए गए हमलों की प्रतिक्रिया के रूप में सामने आया है.
कट्टरपंथी बना सकते हैं निशाना
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह संघर्ष कट्टरपंथी हिंसक तत्वों और नफरत फैलाने वाले अपराधियों को भी प्रेरित कर सकता है, जो अमेरिका के भीतर ऐसे लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं, जिन्हें वो यहूदी, इज़रायल समर्थक या अमेरिकी सरकार या सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़ा हुआ मानते हैं. इस स्थिति को देखते हुए अमेरिका में घरेलू स्तर पर हमलों की आशंका बढ़ गई है और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं.