चीन ने अमेरिका की व्यापार नीतियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि अगर अन्य देशों ने उसके हितों के खिलाफ सौदे किए तो उसके परिणाम गंभीर होंगे. यह प्रतिक्रिया तब आई है जब खबरों में दावा किया गया कि ट्रंप चीन के साथ बड़ा व्यापार करने वाले देशों से व्यापार कम करने का प्रेशर डाल रहे हैं.
चीनी कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने इस बारे में एक बयान जारी किया, जिसमें अमेरिकी पक्ष को आर्थिक मोर्चे पर प्रभुत्व जमाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की ये कोशिश अमेरिका के लिए ही उल्टा पड़ेगा. चीनी प्रवक्ता ने कहा, "दूसरों के हितों को अस्थायी लाभ के लिए त्यागना उसी तरह है जैसे बाघ से उसकी खाल के लिए सौदा करना - यह हमेशा उल्टा ही पड़ेगा."
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विदेशी सरकारों को चीन ने दी चेतावनी
चीन ने चेतावनी दी कि अगर विदेशी सरकारें चीन के हितों के खिलाफ कोई भी व्यापारिक सौदा करती हैं, तो इनको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हाल ही में वॉल स्ट्रीट जनरल ने रिपोर्ट किया था कि अमेरिका दर्जनों देशों पर दबाव बना रहा है कि वे चीन के साथ अपना व्यापार कम करें.
भारत भी अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर कर रहा चर्चा
जापान, यूरोपीय संघ और ASEAN जैसे कई देश और समूह अमेरिका और चीन दोनों के साथ अच्छा व्यापार संबंध रखते हैं. भारत भी अमेरिका के साथ एक नया व्यापार समझौता करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
अमेरिका के टैरिफ से चीन का नुकसान!
चीन पहले से ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए 245 फीसदी तक की टैरिफ से जूझ रहा है, जो पिछले साल उसके 439.9 बिलियन डॉलर मूल्य के निर्यात को प्रभावित कर चुका है. अगर उसके प्रमुख व्यापारिक साझेदार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करते हैं, तो इससे चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.
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चीन का ग्लोबल ट्रेड
गौरतलब है कि, चीन के व्यापार में ASEAN (586.52 बिलियन डॉलर), यूरोपीय संघ (580 बिलियन डॉलर) और जापान (167.12 बिलियन डॉलर) जैसे साझेदार बड़े योगदान देते हैं. अगर अमेरिका की रणनीतियां प्रभावी होती हैं तो चीन को अपनी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में चीन के लिए वैश्विक मोर्चे पर मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.