कनाडा के भारत पर लगाए आरोपों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता के आरोपों से कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के हिंदुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वो अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. इसी बीच ब्रिटेन के विपक्षी सिख सांसदों ने इस मामले पर कहा है ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय के लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं और आरोपों के बारे में पूछ रहे हैं. सासंदों ने कहा कि वो अपनी चिंताओं को लेकर सरकार के मंत्रियों से भी बात कर रहे हैं.
ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी के सिख सांसद प्रीत कौर गिल और तनमनजीत सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए मंगलवार को दावा किया कि उनके चुनावी क्षेत्र के सिख उन्हें संपर्क कर रहे हैं प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स के मुखिया 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगे आरोपों के बारे में जानना चाहते हैं.
प्रीत कौर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर किए गए अपने एक ट्वीट में लिखा, 'हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर प्रधानमंत्री ट्रूडो का बयान बेहद चिंताजनक है. यह जरूरी है कि कनाडा अपनी जांच पूरी करे और जो लोग दोषी हैं, उन्हें सजा मिले. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि मैं और मेरे सहकर्मी इस मुद्दे को मंत्रियों के समक्ष उठा रहे हैं.'
दक्षिण-पूर्वी ब्रिटेन के स्लो शहर के सांसद तनमनजीत सिंह ने भी ट्वीट कर दावा किया कि ब्रिटेन के कई सिख लोगों ने इस मुद्दे पर उन्हें संपर्क किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'कनाडा से चिंताजनक खबरें आ रही हैं. स्लो और दूसरे शहरों के सिख मुझसे संपर्क कर रहे हैं, वो बेचैन हैं, गुस्से में हैं, डरे हुए हैं. जैसा कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा है कि वो अपने निकट सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन की सरकार के साथ संपर्क में हैं.'
ब्रिटेन ने क्या कहा?
ब्रिटेन सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि 'सिख अलगाववादी नेता' की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता थी. ब्रिटेन इस आरोप को लेकर कनाडा के अपने सहयोगियों के साथ निकटता से संपर्क में है. प्रवक्ता ने कहा कि कनाडा इस मामले की जांच कर रहा है और अभी इस पर कुछ भी कहना अनुचित होगा.
प्रवक्ता ने बाद में कहा कि भारत के साथ चल रही मुक्त व्यापार वार्ता पर इस आरोप को कोई असर नहीं होगा और ब्रिटेन इन मुद्दों में उलझना नहीं चाहता है.
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक के विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने एक ट्वीट में भारत का नाम लिए बगैर लिखा, 'सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए. कनाडा की संसद में जिन आरोपों का जिक्र हुआ है, उसे लेकर हम नियमित रूप से अपने कनाडाई सहयोगियों के संपर्क में हैं. यह जरूरी है कि कनाडा जांच पूरी करे और अपराधियों को सजा मिले.'
विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने यह भी कहा है कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चल रही वार्ता पर इस आरोप का कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'कनाडा ने जो चिंताएं जाहिर की हैं, हमने उसे बेहद ही सावधानी से सुना है. कनाडा जो कह रहा है, वो बेहद ही गंभीर मामला है.'
क्लेवरली ने कहा कि उन्होंने सोमवार को कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली से इंस संबंध में बात की है. उन्होंने कहा कि इस आरोप के चलते ब्रिटेन भारत के साथ चल रही मुक्त व्यापार वार्ता को निलंबित नहीं करेगा लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वो इस पर आगे बढ़ने को लेकर इंतजार करेंगे.
क्लेवरली ने कहा, 'भारत और कनाडा दोनों ही ब्रिटेन के बेहद करीबी दोस्त हैं. वो हमारे कॉमनवेल्थ सहयोगी हैं.'
कनाडा के भारत पर गंभीर आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की संसद में भारत पर आरोप लगाया कि कनाडा के पास इस बात के विश्वसनीय सबूत है कि जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता हो सकती है.
ट्रूडो ने कहा, 'कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी दूसरे देश या विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है.'
ट्रूडो ने कनाडाई संसद, हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि उन्होंने इस महीने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था.
इसके बाद कनाडा ने भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित करने का आदेश दे दिया. कनाडा के आरोपों को भारत ने बेतुका करार देते हुए खारिज कर दिया था. इसी के साथ ही विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर कनाडा से आग्रह किया कि 'कनाडा की धरती से संचालित होने वाले सभी भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई' हो. भारत ने भी बदले की कार्रवाई में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को कनाडा वापस जाने का आदेश दिया है.