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डायनासोर के जमाने का संगमरमर मिला, 'बिस्मिल्लाह' लिखा देख चौंके लोग

तुर्की की एक खदान में 19.5 करोड़ साल पुराना संगमरमर का पत्थर मिला है. इस पत्थर पर बिस्मिल्लाह जैसी आकृति बनी हुई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पत्थर में मिले जानवरों के अवशेषों पता चलता है कि ये जानवर जुरासिक डायनासोर काल में जीवित थे.

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संगमरमर पर दिखी बिस्मिल्लाह जैसी आकृति
संगमरमर पर दिखी बिस्मिल्लाह जैसी आकृति
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिस्मिल्लाह लिखा संगमरमर का स्लैब मिला
  • वैज्ञानिकों ने बताया-प्राकृतिक रूप से उभरी आकृति
  • डायनासोर के जमाने का है संगमरमर

तुर्की के भूमध्यसागरीय प्रांत अंताल्या में एक संगमरमर की खदान में एक बेहद पुराना संगमरमर पत्थर मिला है जिस पर बिस्मिल्लाह लिखा दिख रहा है. बताया जा रहा है कि संगमरमर पर बिस्मिल्लाह प्राकृतिक रूप से बना है. ये संगमरमर पत्थर 19.5 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है. तब धरती पर डायनासोर जीवित थे.

तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी Anadolu Agency की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये दुर्लभ खोज अंताल्या कोर्कुटेली जिले के तस्सीगी गांव में अंताल्या मार्बल इंडस्ट्री एंड ट्रेड कंपनी के मार्बल बिजनेस एरिया में की गई है.

खुदाई करने वाले श्रमिकों ने संगमरमर से जब धूल हटाया तो उन्हें लगा जैसे संगमरमर के स्लैब पर अरबी अक्षरों में 'बिस्मिल्लाह' लिखा हुआ है. इसके बाद संगमरमर के स्लैब को विश्लेषण के लिए तुर्की के दक्षिण-पश्चिमी इस्पार्टा प्रांत में सुलेमान डेमिरल विश्वविद्यालय भेजा गया.

वैज्ञानिक फुजुली यागमुर्लु, रसित अल्टिंडाग और नाजमी सेनगुन ने संगमरमर का गहराई से अध्ययन किया और अपने विश्लेषण में उन्होंने एक दिलचस्प खोज की. संगमरमर 19.5 करोड़ साल पुराना बताया गया और माना जा रहा है कि संगमरमर पर बिस्मिल्लाह प्राकृतिक रूप से चित्रित हुआ है.

वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में पाया कि संगमरमर के डोलोमिटिक चुना पत्थर में 19.5 करोड़ साल पहले के जीवों के अवशेष पाए गए है. इस दौरान जुरासिक डायनासोर पृथ्वी पर रहते थे और उसी समय के जीवाश्म संगमरमर में मिले हैं. 

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अध्ययन के दौरान ये भी देखा गया कि ये अवशेष संगमरमर स्लैब के एक हिस्से में ही थे. वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संगमरमर के स्लैब पर बिस्मिल्लाह का लिखा जाना पूरी तरह से प्राकृतिक प्रक्रिया थी. समय के साथ संगमरमर के स्लैब पर दिल के आकार के शंख के अवशेषों के टूटने और नष्ट होने से ये आकृति बनी.

तुर्की की अक्डेनिज यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ थियोलॉजी के डीन अहमत ओगके द्वारा दी गई एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, संगमरमर पर अरबी की आकृतियां बिस्मिल्लाह के जैसी  हैं जिनका उल्लेख कुरान में किया गया है. 

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