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बांग्लादेश की खोजी पत्रकार रोजिना इस्लाम को मिली जमानत, स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार का किया था खुलासा

बांग्लादेश की हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों के अनुसार रोजिना इस्लाम स्वास्थ्य विभाग के वेटिंग रूम में इंतजार कर रही थीं. इसी दौरान वे बांग्लादेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस वैक्सीन की खरीद के संबंधित कागजातों की बिना परमिशन अपने फोन से फोटो लेने लगीं. इसी मामले में स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज करा दिया था.

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रोजिना इस्लाम को मिली जमानत
रोजिना इस्लाम को मिली जमानत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रोजिना को 6 दिन बाद मिली है जमानत
  • स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार पर कर रही थीं रिपोर्ट
  • गोपनीय कागजों की बिना अनुमति फोटो लेने का आरोप

बांग्लादेश की खोजी पत्रकार रोजिना इस्लाम (Rozina Islam) को जमानत मिल गई है. वे पिछले छह दिन से जेल में थीं. उन पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act), 1923 के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया था. उन्हें 5,000 टके के बांड पर मेट्रोपोलिटन कोर्ट के जज मोहम्मद बकी बिल्लाह ने जमानत दी है.

इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने की शर्त रखी गई है. कोर्ट की सुनवाई के समय सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्हें रोजिना को जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है, इससे पहले गुरुवार के दिन कोर्ट ने जमानत पर सुनवाई की थी और आज के लिए अपना निर्णय रिजर्व कर दिया था.

मेट्रोपोलिटन जज ने अभियोग पक्ष से इस मामले से जुड़े आवश्यक और महत्वपूर्ण कागजात जमा करने के लिए कहा था. रोजिना फ़िलहाल काशिमपुरा केंद्रीय महिला जेल में हैं. ये मामला स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव शिब्बीर अहमद उस्मानी ने दर्ज करवाया था.

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हेल्थ मिनिस्ट्री के अधिकारियों के अनुसार रोजिना इस्लाम स्वास्थ्य विभाग के वेटिंग रूम में इंतजार कर रही थीं. इसी दौरान वे बांग्लादेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस वैक्सीन की खरीद के संबंधित कागजातों की बिना परमिशन अपने फोन से फोटो लेने लगीं. इसी मामले में स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act), 1923 के तहत मामला दर्ज करा दिया था.

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आपको बता दें कि कोविड के समय रोजिना ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी कई अच्छी रिपोर्ट पब्लिश की थीं. उन्होंने डॉक्टर्स की नियुक्ति के मामले में, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित खरीददारी के मामले में भ्रष्टाचार को उजागर किया था. इस कारण बांग्लादेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नजर में वे पहले से ही चढ़ी हुई थीं. 

 

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