अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में फेडरल कोर्ट के जजों की कानूनी राहत देने की शक्ति को सीमित कर दिया है. यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस नीति से जुड़ा है, जिसमें अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप की व्यवस्था को सीमित करने की कोशिश की गई थी. कोर्ट के इस फैसले पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "इस फैसले की वजह से हम अब कई नीतियों को ठीक से आगे बढ़ा सकते हैं."
सुप्रीम कोर्ट ने एक 6-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया, जिसमें जस्टिस एमी कोनी बैरेट ने बहुमत की राय लिखी. अदालत ने ट्रंप प्रशासन की उस याचिका को स्वीकार किया जिसमें तीन राज्यों - मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वॉशिंगटन में फेडरल जजों द्वारा दिए गए स्थगन आदेशों के दायरे को सीमित करने की मांग की गई थी. ये आदेश ट्रंप के उस निर्देश के इम्पलीमेंटेशन के लिए रोड़ा बन रहे थे, जिसमें बर्थराइट सिटिजनशिप को सीमित करने की कोशिश की गई थी.
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बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने की ट्रंप की नीति
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि ट्रंप की यह नीति शुक्रवार के फैसले के 30 दिन बाद ही लागू की जा सकती है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को अपने आदेशों के दायरे पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस बैरेट ने अपने फैसले में लिखा, "कोई इस बात से इनकार नहीं करता कि ज्यूडिशियरी की जिम्मेदारी है कि वह कानून का पालन करे, लेकिन कोर्ट को इस दायित्व को लागू करने का असीम अधिकार नहीं है - कई बार कानून कोर्ट को ऐसा करने से मना भी करता है."
अब कई नीतियों को ठीक से आगे बढ़ा सकते हैं- ट्रंप
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुशी जताई और कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं कि उन्होंने इस बड़े और जटिल मुद्दे का समाधान निकाला. उन्होंने इसे बहुत ही आसान बना दिया है." ट्रंप ने आगे कहा, "इस फैसले की वजह से हम अब कई नीतियों को ठीक से आगे बढ़ा सकते हैं, जिनमें बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करना भी शामिल है."
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ट्रंप ने यह भी कहा, "यह कानून मूल रूप से दासों के बच्चों के लिए बनाया गया था, न कि उन लोगों के लिए जो अमेरिका में सिर्फ छुट्टी मनाने या सिस्टम का फायदा उठाने के इरादे से आते हैं." उन्होंने कहा, ""...हमें तेजी से काम करना होगा. जब इल्लीगल इमीग्रेशन की बात आती है, तो हमारे पास हत्यारे, ड्रग डीलर वगैरह शामिल हैं."
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद पर दोबारा आने के बाद, ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को तब तक नागरिकता नहीं दी जाएगी जब तक कि उनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक न हो.