फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच बीते तीन हफ्तों से जारी जंग का खामियाजा ना सिर्फ दोनों देशों के आम लोगों को उठाना पड़ रहा है बल्कि पत्रकार भी इसका शिकार बन रहे हैं. अल जजीरा न्यूज के लिए गाजा से रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार वाएल अल-दहदौह पत्नी, बेटा, बेटी, पोता समेत कुल 12 परिजनों और रिश्तेदारों को अब तक गंवा चुके हैं. ये सभी लोग इजरायली डिफेंस फोर्स द्वारा गाजा पर किए गए एयर स्ट्राइक में मारे गए हैं.
पत्रकार ने 24 घंटे में पूरे परिवार को खोया
अल जज़ीरा के पत्रकार वाएल अल दहदौह ने बीते 24 घंटे में इजरायली हवाई हमले में अपनी पत्नी, बेटे, बेटी और परिवार के नौ अन्य सदस्यों को खोने के बाद भी गाजा से रिपोर्टिंग जारी रखने की कसम खाई है.
दाहदौह ने तुर्की के सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु को दिए बयान में कहा, 'पत्रकारिता मेरा नेक मिशन है, मेरी आवाज़ को कोई कभी चुप नहीं करा पाएगा.' उन्होंने कहा, 'इजरायल आम नागरिकों को निशाना बना रहा है और परिवारों का नरसंहार कर रहा है. गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी परिवारों को हर दिन इसका सामना करना पड़ता है. गाजा में अल जज़ीरा के ब्यूरो चीफ दहदौह को किसी और ने बताया था कि उनके लाइव प्रसारण के तुरंत बाद हुए एयर स्ट्राइक में उनका परिवार मारा गया है.
घटना के थोड़ी ही देर बाद अल जजीरा ने फिलस्तीन के दीर अल-बलाह में अल-अक्सा अस्पताल के मुर्दाघर से लाइव टेलीकास्ट किया था जहां दुखी दहदौह अपनी सात साल की बेटी के शव को गोद में उठाए हुए थे और अपनी पत्नी के शव-बेटे के शव के पास बैठकर रो रहे थे.
बताया जा रहा है कि इस हमले में दहदौह के दो बड़े बच्चे-महमूद और उनकी बहन खोलौद बच गए. कुछ दिन पहले ही दहदौह ने गाजा से एक वीडियो जारी कर वैश्विक समुदाय को वहां की तबाही दिखाई थी और मदद की गुहार लगाई थी.
गाजा में कोई जगह सुरक्षित नहीं: दहदौह
दहदौह ने उस रिपोर्ट में गाजा में इमारतों के मलबे को दिखाया था. सड़क पर बर्बादी के निशान दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि 'गाजा में कोई सुरक्षित जगह नहीं है...' बता दें कि आवासीय इलाकों, स्कूलों, मस्जिदों और अस्पतालों को निशाना बनाने वाले हमलों से पहले इजराइल ने उत्तरी गाजा में लोगों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी.
इजरायल की इस चेतावनी के बाद जो दस लाख लोग इलाके को छोड़कर भागे थे उसमें दहदौह का परिवार भी शामिल था. इसके बाद इज़राइल ने अस्थायी रूप से उत्तरी गाजा में जमीन पर टैंक भी उतारे जो उसके ग्राउंड हमले का पहला कदम था. इस दौरान दहदौह का परिवार मध्य गाजा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त नुसीरत शरणार्थी शिविर में शरण ले रहा था, जिसे इजरायली सेना "सुरक्षित क्षेत्र" बताती थी.
रिपोर्टिंग जारी रखूंगा: दहदौह
इस खूनी युद्ध में गाजा, इज़रायल और अन्य देशों के हजारों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का भारी नुकसान हुआ है. दहदौह ने जोर देकर कहा कि वह फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हमलों को कवर करना जारी रखेंगे.
अब तक मारे जा चुके हैं 8000 लोग
इजरायल और हमास के बीच चल रहे इस जंग में अब तक लगभग 8,000 लोग मारे गए हैं. मृतकों में 6,500 से अधिक फ़िलिस्तीनी और 1,400 इज़रायली नागरिक शामिल हैं. कुछ विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई है.