दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर फिर आतंकी खतरे का साया मंडरा रहा है. और इस बार आतंकवादी जूता बम का इस्तेमाल कर सकते हैं. होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट ने हाल ही में देश में संचालित होने वाली तमाम एयरलाइंस को इस बारे में आगाह किया है. इसके मुताबिक आतंकवादी अपने जूतों में छुपाकर विस्फोटक पदार्थ ला सकते हैं. पिछले तीन सप्ताह में यह दूसरी बात हुआ है, जब सरकार ने हवाई जहाज के अंदर विस्फोटक लाने के तरीकों पर सर्कुलर जारी किया है.
इस बारे में होमलैंड सिक्युरिटी विभाग ने ज्यादा जानकारी देने से इनकार किया. उन्होंने बस इतना ही कहा कि हम समय समय पर सुरक्षा संबंधी तमाम चेतावनियां और सुझाव जारी करते रहते हैं. विभाग एयरलाइंस की सुरक्षा को लेकर खासतौर पर फिक्रमंद रहता है, क्योंकि अमेरिका में हुए बड़े आतंकवादी हमले 9-11 में इसी का इस्तेमाल किया गया था.
कॉस्मेटिक्स पर भी रखें नजर
अमेरिकी इंटेलिजेंस से जुड़े सूत्र के मुताबिक निगरानी के दायरे में सिर्फ जूते ही नहीं हैं. एयरलाइंस को लिक्विड मटीरियल और कॉस्मेटिक्स पर भी नजर रखने के लिए कहा गया है. फिलवक्त ज्यादा सघन अभियान उन फ्लाइट्स के लिए चलाया जा रहा है, जो विदेश से अमेरिकी एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रही हैं.
पिछली वॉर्निंग टूथपेस्ट के लिए थी
इस महीने की शुरुआत में भी होमलैंड सिक्युरिटी डिपार्टमेंट ने रूस की तरफ जाने वाली एयरलाइंस के लिए चेतावनी जारी की थी. इसमें टूथपेस्ट के अंदर छिपाए गए बम के प्रति आगाह किया गया था. उसके बाद रूस की तरफ जाने वाली नॉनस्टाप फ्लाइट के लिए कैरी बैग में कोई भी लिक्लिड पदार्थ ले जाने पर मनाही हो गई थी. माना जा रहा है कि सोची में हुए विंटर ओलंपिक के मद्देनजर यह चेतावनी जारी की गई थी. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि जूता बम की इस चेतावनी का भी ओलंपिक का विरोध कर रहे कट्टरपंथी तत्वों से कोई संबंध है या नहीं.
13 साल से जूते उतारने पड़ते हैं
गौरतलब है कि अमेरिका में एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान यात्रियों को अपने जूते उतारने पड़ते हैं. ऐसे 2001 में हुए एक वाकये के बाद हुआ. मियामी की तरफ एक फ्लाइट जा रही थी. इसमें सवार रिचर्ड नाम के एक शख्स ने अपने जूतों में छिपा कर रखा विस्फोटक पदार्थ जलाने की कोशिश की. उसे दबोच लिया गया और अब वह जिंदगी भर के लिए जेल की सलाखों के पीछे है. हालांकि अब जूते वाले नियम में कुछ छूट दी गई है. छोटे बच्चों और 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को जूते उतारने को नहीं कहा जाता है.