अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के गेट के पास कुछ देर के अंतराल में दो बड़े धमाके हुए हैं. आतंकी हमले में 13 लोगों के मारे की खबर है. धमाका के बाद काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी मच गई. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाए जाने के बाद वहां से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश में हैं. अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने आज सुबह ही आतंकी हमले की चेतावनी दी थी.
काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके को आतंकी हमला करार दिया गया है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने आतंकी ब्लास्ट की पुष्टि की है. अलजरीरा की ओर से हमले को आत्मघाती हमला बताया जा रहा है. हमले में 13 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में बड़ी संख्या बच्चों की है. अमेरिका भी इसे आत्मघाती हमला मान रहा है.
हादसे के बाद अमेरिका की ओर से अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. उन्होंने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा है. इस बीच फ्रांस की ओर से एक और आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया. साथ ही फ्रांस ने भी अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर हटने को कहा है.
अब इस धमाके के बाद वहां से लोगों को निकाले जा रहे अभियानों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रहा है. इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत तमाम देशों की ओर से पहले ही हमले की चेतावनी दे दी गई थी और अपने नागरिकों से कहा था कि वे एयरपोर्ट से दूर चले जाएं.
कई अमेरिकी जवान भी घायल
अलजरीरा का कहना है कि आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस हमले में अमेरिका के 3 जवान भी घायल हुए हैं.
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काबुल एयरपोर्ट पर कंट्रोल के लिए तालिबान, तुर्की और अमेरिका में तनाव की स्थिति बनी हुई है. तालिबान की धमकी से इतर अमेरिका खुद ही इस दिन पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ने का मन बना चुका है. कई नाटो देश भी ऐसा ही करने जा रहे हैं, ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इनके बाद काबुल एयरपोर्ट का कंट्रोल किसके पास रहेगा.
इससे पहले तालिबान की ओर से अमेरिका को चुनौती दी गई है. उसने अमेरिका से कहा कि वो अपने सैनिकों को 31 अगस्त तक वापस बुला ले या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में तख्तापलट होने के बाद कोई बड़ा आतंकी हमला हो सकता है. लिहाजा वो उससे पहले ही सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है.
अमेरिका अब तक 75,900 लोगों को अफगानिस्तान से निकाल चुका है. इनमें भी 70,700 लोगों को महज पिछले 10 दिनों में ही निकाला गया है. पिछले 12 घंटों में अमेरिका और नाटो सेनाओं ने मिलकर 12,000 लोगों अफगानिस्तान से निकाला है. और इस काम में सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का बेड़ा लगा है.