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नेपाली सिनेमाघरों में नहीं दिखाई जाएगी हिन्दी फिल्म!

सत्तारूढ़ माओवादियों के एक धड़े के दबाव के सामने झुकते हुए उनके भारत-विरोधी रूख के साथ एकजुटता दिखाने के लिए नेपाल के सिनेमाघरों ने हिन्दी फिल्में दिखानी बंद कर दी हैं.

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सत्तारूढ़ माओवादियों के एक धड़े के दबाव के सामने झुकते हुए उनके भारत-विरोधी रूख के साथ एकजुटता दिखाने के लिए नेपाल के सिनेमाघरों ने हिन्दी फिल्में दिखानी बंद कर दी हैं.

नेपाल फिल्म निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार राय ने कहा, ‘हिन्दी सिनेमा दिखा रहे 50 सिनेमाघरों ने सोमवार से भारतीय फिल्में दिखाना बंद कर दिया है.’ राय ने कहा कि हमने पूरे देश में हिन्दी फिल्में दिखाना बंद करने की माओवादियों की मांग के साथ एकजुटता प्रदर्शित किया है .’ उन्होंने कहा कि इस कदम से करीब एक लाख लोगों का मनोरंजन प्रभावित हो रहा है और लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

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राय ने बताया कि वे हिन्दी सिनेमा के विरूद्ध नहीं हैं, लेकिन नेपाली सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए हमने 10 दिनों तक हिन्दी सिनेमा नहीं दिखाने का निर्णय लिया है.’ उन्होंने कहा कि ना सिर्फ हिन्दी सिनेमा बल्कि सभी विदेशी सिनेमा का हमारे स्थानीय सिनेमा उद्योग पर बुरा असर हुआ है और हमें आशा है कि इस अभियान से कुछ हद तक नेपाली सिनेमा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा.

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राय ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सरकार विदेशी फिल्मों के प्रसारण को नियंत्रित करे ताकि देश में बनी फिल्मों को बढ़ावा मिले.’राय ने कहा कि सरकार को उचित कर नीति अपनानी चाहिए और विदेशी फिल्मों के प्रसारण पर भी नियंत्रण रखना चाहिए . विदेशी फिल्मों से हमारे स्थानीय फिल्म उद्योग को बहुत क्षति पहुंच रही है. कट्टरपंथी नेता मोहन वैद्य के नेतृत्व वाले सीपीएन-माओवादी ने पिछले महीने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि हिन्दी सिनेमा नेपाल के प्रति अरुचि पैदा कर रहा है .

सरकार को सौंपी गईं 70 सूत्री मांगों के तहत संगठन ने भारत के नंबर प्लेट वाले वाहनों को नेपाल में प्रवेश करने से रोकने की भी धमकी दी थी. पार्टी ने जरूरी वस्तुएं जैसे गैस, डीजल और मिट्टी का तेल ले कर आने वाले भारतीय नंबर प्लेट वाले वाहनों के नेपाल प्रवेश की अनुमति दे दी थी.

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