बलूचिस्तान में सेना और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका की बढ़ती आलोचना के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने कहा है कि सेना देश के संविधान के भीतर अशांत प्रांत की समस्याओं के किसी भी समाधान का ‘पूरा समर्थन’ करेगी.
बलूचिस्तान की स्थिति पर सार्वजनिक रूप से दिए गए एक दुर्लभ बयान में कयानी ने कहा, ‘सेना पाकिस्तान के संविधान के तहत किसी भी समाधान का पूरा समर्थन करेगी.’
बलूचिस्तान पिछले कई सालों से आतंकवादियों और जातीय हिंसा से पीड़ित रहा है. रूस की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से पूर्व कयानी ने कहा कि सेना ‘किसी भी राजनीतिक प्रक्रिया का पूरा समर्थन करेगी, बशर्ते कि वह संविधान के भीतर हो.’
पर्यवेक्षकों का कहना है कि कयानी की टिप्पणी का साफ मकसद इस प्रभाव को खत्म करना है कि सुरक्षा बल बलूचिस्तान की समस्याओं का समाधान करने के रास्ते में आड़े आ रहा है. एक अनाम सुरक्षा अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राजनीतिक नेताओं द्वारा सेना की हालिया आलोचना के चलते कयानी को ऐसा नीतिगत बयान देने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रांत में कानून व्यवस्था की स्थिति का स्वत: संज्ञान लेना शुरू किए जाने के बाद से बलूचिस्तान की समस्याएं सुखिर्यों में आयी हैं. प्रांत में सैंकड़ों ‘लापता लोगों’ का मुद्दा एक बड़ी समस्या है. इनमें सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों द्वारा लोगों को हिरासत में लिया जाना भी शामिल है. बलूच नेताओं का कहना है कि राष्ट्रवादी समूहों के सैंकड़ों सदस्यों को सुरक्षा एजेंसियों ने बिना आरोपों के ही हिरासत में ले रखा है.
गौरतलब है कि पिछले साल से लेकर अब तक पूरे बलूचिस्तान में लापता लोगों के करीब 300 शव विभिन्न स्थानों से बरामद किए गए हैं.