अमेरिका और ईरान के बीच टकराव के बीच इजरायल ने एक बड़ी गलती कर दी. रविवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की जुबान फिसल गई और उन्होंने अपने देश के परमाणु शक्ति संपन्न होने की बात कह डाली.
साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में नेतन्याहू ने अपने देश को परमाणु शक्ति कह दिया
हालांकि तुरंत ही झेंप भरी मुस्कुराहट के साथ उन्होंने अपनी भूल सुधार ली.
पूरी दुनिया को शक है कि इजरायल के पास भी परमाणु हथियार हैं लेकिन इजरायल ने आज तक ऐसे किसी दावे की ना तो पुष्टि की और ना ही इसे खारिज किया. दशकों से इजरायल ने अपने परमाणु हथियारों को लेकर पूरी दुनिया को संदेह में ही रखा है. लेकिन नेतन्याहू की जुबान पर शायद हकीकत सामने आ गई.
ग्रीस और साइप्रस के साथ एक गैस पाइपलाइन की डील को लेकर नेतन्याहू हिब्रू में बयान दे रहे थे तभी नेतन्याहू ने कहा, इस परियोजना की अहमियत ये है कि हम इजरायल को न्यूक्लियर पावर बनाने जा रहे हैं.
हालांकि, उन्होंने तुरंत अपनी गलती सुधारी और न्यक्लियर पावर की जगह एनर्जी पावर कहा. नेतन्याहू थोड़ी देर के लिए रुक गए और कुछ सेकेंड संभलते हुए उन्होंने बोलना जारी किया.
नेतन्याहू की ये टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब इजरायल के दोस्त अमेरिका की ईरान से ठनी हुई है. अमेरिका ने बगदाद में एयरस्ट्राइक कर ईरान के सबसे ताकतवर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था और ईरान ने भी अपने मेजर जनरल की मौत का बदला लेने की धमकी दी है.
बता दें कि नेतन्याहू ने सुलेमानी की हत्या का स्वागत किया था और स्ट्राइक के आदेश के लिए ट्रंप की तारीफ भी की थी. नेतन्याहू की इस टिप्पणी से मध्य-पूर्व देशों में गुस्सा देखने को मिला और ईरान ने इजरायल को धमकी भी दी.
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इजरायल ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिया था. इस समझौते का मकसद दुनिया में परमाणु हथियारों की बढ़ोतरी को रोकना है.
1986 में जब इजरायल के पूर्व न्यूक्लियर टेक्नीशियन मॉर्देचई वनुनु ने देश के कथित परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में खुलासा किया था, उसके बाद से इजरायल की परमाणु शक्ति दुनिया के सामने एक खुले राज की तरह है.
बाद में वनुनु को इजरायल की इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद ने गिरफ्तार कर लिया था और इजरायल वापस ले गए थे. उन्हें जासूसी के आरोप में 18 साल की जेल हुई थी.