भारत में इजरायल की डिप्टी राजदूत रोनी येदिदिया क्लेन ने इजरायल और फिलिस्तीन के चरमपंथी गुट हमास के बीच संघर्षविराम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इजरायल मानता है कि अमेरिका सहित कुछ अन्य देशों की तरह भारत ने इस मामले पर 'सार्वजनिक' तौर पर समर्थन जाहिर नहीं किया. लेकिन उसे इजरायली कार्रवाई की जानकारी थी.
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वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा, 'हमने हमास से संघर्षविराम समझौता किया है. हमें उम्मीद है कि हमास की तरफ से अब और फायरिंग नहीं होगी.' उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह तय करेगी कि मिस्र की मध्यस्थता से युद्धविराम कैसा रहेगा.
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इजरायल की सिक्योरिटी कैबिनेट ने मिस्र की मध्यस्थता में शुक्रवार को संघर्षविराम का ऐलान किया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रोनी येदिदिया क्लेन ने यह भी कहा कि इज़रायल को अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों से समर्थन मिला. भले ही भारत ने सार्वजनिक तौर पर समर्थन जाहिर नहीं किया, लेकिन इजरायल की कार्रवाइयों को वह समझ रहा था.
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इजरायल की डिप्टी राजदूत ने कहा, 'जब हमने अपने भारतीय समकक्षों के साथ बात की, तो हमें चीजें समझ में आईं. हालांकि उन्होंने अन्य देशों की तरह सार्वजनिक तौर पर समर्थन का इजहार नहीं किया. हमने जब भारतीय अधिकारियों को इजरायल की कार्रवाइयों के बारे में बताया तो एक समझ देखने को मिली.'
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इजरायली दूत ने कहा कि इजरायली दूतावास भारत सहित अपने समकक्षों के साथ लगातार संपर्क रहा. रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा कहा, 'जब कुछ होता है तो हम अपने समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं. जैसे भारत में विदेश मंत्रालय के साथ हम संपर्क में रहे. वे बहुत समझदार हैं और हम एक साथ काम करते हैं.'
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इजरायली राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति की तरफ से दिए गए बयानों का भी उल्लेख किया, जिसमें तनाव को तत्काल कम करने का आग्रह किया गया था.
इजरायल और फिलिस्तीन में शांति बहाली के लिए गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बुलाई गई बैठक में भारत ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान भारत ने मध्य पूर्व क्षेत्र में हिंसा खत्म करने और शांति बहाल किए जाने की वकालत की. भारत हमेशा से फिलिस्तीन के लिए एक अलग राष्ट्र और पूर्वी यरुशलम को उसकी राजधानी बनाए जाने का पक्षधर रहा है लेकिन भारत ने इस बार इजरायल और फिलिस्तीन के बीच मसले को सुलझाने के लिए 'दो राष्ट्र समाधान' का जिक्र नहीं किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के इस बयान को फिलिस्तीन-इजरायल पर उसके बदलते रुख के तौर पर देखा जा रहा है.
सीजफायर के बाद दिल्ली में इजरायली दूतावास ने ट्वीट किया, हमास के रॉकेट हमलों के बाद दोस्तों से मिले समर्थन के लिए हम अभारी हैं. आत्मरक्षा के हक का समर्थन करने के लिए हम सभी का आभार प्रकट करते हैं. आपका समर्थन हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है. इजरायली दूतावास ने हिंदी में धन्यवाद लिखकर ट्वीट किया.
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Dear friends in #India, your support and friendship have been a source of strength and inspiration over the past 12 days, helping me and my colleagues at @IsraelinIndia to do our work to defend #Israel. You have shown that a friend in need is a friend indeed. Thank you.🙏 https://t.co/EWOXX9LKsh
— DCM Rony Yedidia Clein (@RonyYedidia) May 21, 2021
यरुशल में झड़प के बाद से इजरायल-फिलिस्तीन के बीच शुरू हुआ संघर्ष 11 दिन चला. इस दौरान हमास ने रॉकेट दागे तो इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में हवाई हमले किए. इसमें 200 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई तो इजरायल में भी 12 लोग मार गए. इजरायल में हमास के रॉकेट का शिकार बनने वालों में केरल की नर्स सौम्या संतोष भी शामिल थीं.
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