जुल्म की इंतहा देखनी हो तो ये झकझोर देने वाली तस्वीरें देखिए. ये तस्वीरें हैं सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की. आगे बढ़ने से पहले यह जान लीजिए कि ये तस्वीरें आपको विचलित कर सकती हैं.
यह है इस मुल्क की सेना. नाम है फाका यानी सेंट्रल अफ्रीकन आर्म्ड फोर्सेस. और जिनकी लाशों के साथ ये सैनिक जानवरों से भी बदतर सुलूक कर रहे हैं वे 'संदिग्ध' मुस्लिम आतंकी बताए जाते हैं.
हाल ही में सेना में भर्ती हुए जवानों ने ऐसे कई संदिग्ध 'सेलेका' आतंकियों को गैरकानूनी रूप से मार डाला.
यहां तक कि मरने के बाद भी उनकी लाशों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया कि आपको अपने इंसान होने पर घिन आने लगेगी.
सेलेका विद्रोहियों के सिर भारी पत्थरों से कुचल दिए गए. कुछ के हाथ-पैर काट डाले गए. सेनाओं का यह चरित्र भी आपको जानना चाहिए.
और यह है मौत का जश्न. निहत्थे संदिग्ध अपराधियों की लाशों को कुचल डालने का जश्न. घिनौना जश्न.
...और मानवीय पशुता का यह सारा क्रियाकलाप देश के अंतरिम राष्ट्रपति कैथरीन सांबा-पांजा के संबोधन के बाद शुरू हुआ. उन्होंने जैंगुई में सैनिकों को संबोधित किया था.
इस शख्स को देखिए. लाश पर भी चाकू घोंप रहा है. संवैधानिक शब्दों में इसकी पहचान सैनिक की है.
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक पिछले साल तख्ता-पलट के बाद से ही भीषण सांप्रदायिक संघर्ष से जूझ रहा है.
यहां बहुसंख्यक ईसाई और मुसलमानों के बीच संघर्ष में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.
ईसाई समुदाय के कुछ लोग मुसलमानों पर सेलेका विद्रोहियों से संबंध रखने का आरोप लगाते हैं, जिन्होंने पिछले साल देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था.
सेलेका विद्रोहियों के दस महीने तक चले कब्जे के दौर में कथित रूप से कई अत्याचार और हत्याएं हुईं.
हाल ही में एक वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा था कि मजहबी हिंसा की
वजह से सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की समूची मुस्लिम आबादी को देश से भागना
पड़ सकता है.
इस सांप्रदायिक संघर्ष से निपटने में रवांडा की शांति सेनाएं नाकाम होती नजर आ रही हैं. फिलहाल यहां फ्रांस के 1600 और अफ्रीका के 5000 सैनिक मौजूद हैं.