दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर कई सवाल उठ रहे थे. कुछ इस्लामिक संस्था दावा कर रही थी कि वैक्सीन, इस्लामिक कानूनों का उल्लंघन करती है. लेकिन एस्ट्राजेनका कंपनी ने इन दावों को खारिज कर दिया है. (फोटोज- Reuters)
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को एस्ट्राजेनका कंपनी ने कहा कि उनकी कोरोना वैक्सीन में सूअर के मीट से हासिल किया गया कोई पदार्थ इस्तेमाल नहीं किया गया है. बता दें कि एस्ट्राजेनका कंपनी ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन का उत्पादन और वितरण कर रही है. एस्ट्राजेनका कंपनी के साथ समझौते के तहत भारत का सीरम इंस्टीट्यूट भी इसे तैयार कर रहा है.
शुक्रवार को इंडोनेशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम काउंसिल, इंडोनेशिया उलेमा काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर लिखा था कि वैक्सीन 'हराम' है, क्योंकि उत्पादन प्रक्रिया के दौरान सूअर से लिए गए ट्रिपसिन एन्जाइम का इस्तेमाल किया गया है. बावजूद इसके काउंसिल ने एस्ट्राजेनका वैक्सीन को मंजूरी दी.
इंडोनेशिया में एस्ट्राजेनका कंपनी के प्रवक्ता रिजमन अबुदैरी ने कहा कि वैक्सीन निर्माण की किसी भी प्रक्रिया के दौरान न तो सूअर के मीट से जुड़ा कोई पदार्थ और न ही कोई और एनिमल प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया गया है.
शुक्रवार को इंडोनेशिया के अधिकारियों ने उन रिपोर्ट्स का भी रिव्यू किया था जिनमें एस्ट्राजेनका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन से कथित तौर पर ब्लड क्लॉट्स होने की बात कही गई थी. रिव्यू के बाद देश में वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई. इंडोनेशिया एशिया के उन देशों में शामिल है जहां कोरोना वायरस से सबसे अधिक नुकसान हुआ है.