पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में बीजेपी जिला कार्यालय में देर रात पुलिस के घुसने और तोड़फोड़ को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है. शनिवार रात करीब 2 बजे हुए इस घटनाक्रम के बाद स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देर रात जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस को पीछे हटना पड़ा.
क्या था मामला?
देर रात बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं को सूचना मिली कि भारी संख्या में पुलिस बीजेपी के जिला कार्यालय के मेन गेट का ताला तोड़कर अंदर घुस रही है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही है. खबर मिलते ही बड़ी संख्या में बीजेपी नेता और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे.
जैसे ही कार्यकर्ता ऑफिस में जमा हुए, पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस शुरू हो गई. कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए कारण पूछना शुरू किया. घंटों चले विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस पीछे हट गई, लेकिन बीजेपी नेताओं ने कार्यालय में ही धरना जारी रखा.
पुलिस क्यों आई थी?
जानकारी के मुताबिक बांकुड़ा सदर थाना और खटरा थाना की पुलिस संयुक्त रूप से इस कार्रवाई में शामिल थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि देर रात बिना सूचना के क्यों कार्यालय का ताला तोड़ा गया और भीतर तोड़फोड़ की गई.
भाजपा के एक वर्ग का मानना है कि शुक्रवार रात खाद्य आपूर्ति विभाग की राज्य मंत्री ज्योत्सना मांडी के पति तुहिन मांडी पर खटरा में हमला हुआ था. हो सकता है कि पुलिस ने उस घटना में शामिल लोगों की तलाश में भाजपा के कार्यालय पर छापा मारा हो. पुलिस के इस व्यवहार के विरोध में भाजपा ने आज बांकुड़ा शहर में बड़े आंदोलन का आह्वान किया है.
विपक्ष का आक्रोश
बीजेपी नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस की इस कार्रवाई की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बांकुड़ा जिला कार्यालय पर पुलिस की यह बर्बर कार्रवाई लोकतंत्र के खिलाफ है. यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है.