कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी की गई नई ओबीसी (अनुसूचित जाति) सूची पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. इस अधिसूचना में कुल 140 उप-श्रेणियां जोड़ी गई थीं, जिनमें 80 मुस्लिम और 60 गैर-मुस्लिम उप-समूह शामिल थे. उच्च न्यायालय ने इस नई सूची को अस्वीकार करते हुए पिछली 113 समूहों वाली सूची को रद्द कर दिया है.
इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को निर्धारित की गई है. बंगाल सरकार द्वारा पहले जो सूची जारी की गई थी, उसमें कुल 113 ओबीसी उप-समूह शामिल थे. लेकिन हालिया अधिसूचना में इस संख्या को बढ़ाकर 140 कर दिया गया, जिससे कई नए उप-समूहों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया. इस कदम को लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इस अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश दिया.
इसके साथ ही, उच्च न्यायालय ने पिछली सूची से संबंधित सभी सरकारी आदेशों को भी निलंबित कर दिया है. ओबीसी जाति प्रमाणपत्र आवेदन प्रक्रिया को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जब तक कि अगली सुनवाई नहीं हो जाती.
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पश्चिम बंगाल सरकार ने इस सूची को सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व को बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया था. हालांकि, न्यायालय ने कहा है कि इस विषय पर विस्तारपूर्वक जांच और सुनवाई आवश्यक है, ताकि किसी भी पक्ष को न्याय मिले और समाज में समानता बनी रहे.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के ख़िलाफ़ बंगाल की ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. ममता सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.