पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक सोशल मीडिया पोस्ट का फैक्ट चेक किया, जिसमें दावा किया गया था कि आसनसोल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए. बंगाल पुलिस की साइबर सेल द्वारा की गई जांच के अनुसार, यह दावा भ्रामक है.
सोशल मीडिया पोस्ट में गलत दावा
एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ निकाली गई रैली के दौरान 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाए गए और आरोप लगाया गया कि 'बंगाल धीरे-धीरे मुस्लिम बहुल शासन की ओर बढ़ रहा है'.
हालांकि, जब पुलिस ने जांच की, तो पाया गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो जिसमें यह दिखाया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं, उसे लोगों को गुमराह करने की मंशा से शेयर किया गया है. दरअसल, नारा 'संविधान ज़िंदाबाद' था.
'प्रदर्शन में लगाए गए संविधान जिंदाबाद के नारे'
बंगाल पुलिस की साइबर टीम ने कहा, '24 अप्रैल 2025 को रिकॉर्ड किया गया यह वीडियो प्रदर्शन के एक हिस्से को दिखाता है, जिसमें प्रदर्शनकारी पाकिस्तान का झंडा जलाते हुए और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाते हुए नजर आते हैं. वीडियो के किसी भी हिस्से में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' या 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' जैसे नारे सुनाई नहीं देते. वास्तव में, तहफ्फुज अवकाफ कमेटी के संयोजक मुफ्ती सईद असद कासमी ने स्पष्ट किया कि इस प्रदर्शन के दौरान 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' और 'संविधान जिंदाबाद' जैसे नारे लगाए गए थे.'
बीजेपी ने लगाए आरोप
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान किसी भी समय कोई भी पाकिस्तान समर्थक नारा नहीं लगाया गया. यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा के कई नेताओं ने यह वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि आसनसोल में रैली के दौरान पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए गए. भाजपा ने बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना हुसैन सुहरावर्दी से की.