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निषाद राज से मित्रता का अनुपम अध्याय... देखें श्रृंग्वेरपुर से भगवान राम की कहानी

निषाद राज से मित्रता का अनुपम अध्याय... देखें श्रृंग्वेरपुर से भगवान राम की कहानी

श्रृंग्वेरपुर का नाम महाऋषि श्रृंगी के नाम पर पड़ा. ऋषि श्रृंगी महान तपस्वी संत थे जिनकी शादी राजा दशरत की पुत्री शांता से हुई थी. कहते हैं कि ऋषि श्रृंगी ने ही राजा दशरत को पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टी यज्ञ का सुझाव दिया था. वनवास जाते वक्त भी भगवान राम ऋषि श्रृंगी और बहन शांता का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. श्रृंग्वेरपुर केवटी की राजधानी है. यहां निषाद राज का शासन था. जब उन्हें श्रीराम के पहुंचने की खबर मिली वो फौरन उनसे मिलने पहुंच गए. सुने पूरी कहानी.

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