बिहार के चुनावों के बाद महागठबंधन की असली चुनौती उत्तर प्रदेश में आने वाली है, जहां बीजेपी अयोध्या के आसपास चुनाव लड़ने की पूरी योजना बनाकर अपनी ताकत को आयोजित कर रही है. 2017 और 2022 के चुनावों में हार का सामना कर चुके अखिलेश यादव जानते हैं कि यदि बीजेपी का धार्मिक कार्ड सक्रिय हो गया तो उनकी हार की श्रृंखला जारी रह सकती है. इसलिए, अखिलेश यादव एक ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं जो बीजेपी को हिंदू विरोधी नहीं साबित होने दे और हिंदू वोटों को राम मंदिर दर्शन के बाद एकजुट होने से रोक सके.