उत्तर प्रदेश में वाहनों की बढ़ती ट्रैफिक को देखते हुए यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) को नोएडा से आगरा तक दो लेन और बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अब 6 लेन का यह एक्सप्रेसवे 8 लेन का हो जाएगा. दोनों ओर एक-एक लेन बढ़ाई जाएगी. यमुना अथॉरिटी ने जेपी ग्रुप से एक महीने में इसकी डीपीआर बनवाने को कहा है. डीपीआर फाइनल होने के बाद इसे बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू होगी.
बता दें, यमुना एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए साल 2003 में जेपी ग्रुप के साथ करार हुआ था. उसके बाद कई तरह के विवादों में यह उलझा रहा. साल 2012 में इसे शुरू किया गया है. ग्रेनो से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर लंबा है. इसका निर्माण जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने किया था. यमुना प्राधिकरण के साथ हुए अनुबंध के अनुसार इसे पहले फेज में 6 लेन का बनाया गया है. अनुबंध की शर्तों के अनुसार इस पर वाहनों का दबाव एक निर्धारित संख्या से ज्यादा होने पर आठ लेन का किया जाना है. इसी के चलते पहले से ही इसके लिए 8 लेन की जगह रखी गई थी.
अनुबंध के अनुसार, जब इस पर वाहनों की संख्या रोजाना 32 हजार होने का औसत हो जाएगा तो इसमें 2 लेन और बढ़ा दी जाएंगी. यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस समय एक्सप्रेसवे पर रोजाना औसतन 30 से 32 हजार वाहन गुजरते हैं. इसी के चलते यमुना अथॉरिटी ने सोमवार को इस बारे में बात करने के लिए जेपी ग्रुप के साथ मीटिंग की थी. इस मीटिंग के बाद अब इसमें दो लेन और बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अब एक्सप्रेसवे के किनारे लगे क्रैश बीम बैरियर की ऊंचाई भी बढ़ाई जाएगी. अभी इनकी ऊंचाई आधा मीटर है. इन्हें एनएचआई के मानकों के अनुसार ऊंचा किया जाएगा. बैरियर ऊंचा होने से हादसे के बाद वाहन नीचे नहीं गिरेंगे. यह काम भी जल्द ही शुरू होगा.
लगातार बढ़ रहा ट्रैफिक
पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस पर वाहनों का दबाव बढ़ रहा है. त्योहार या वीकेंड पर अक्सर टोल प्लाजा पर जाम लग जाता है. अब जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तैयार होने के बाद इस पूरे एरिया में आबादी बढ़ेगी. इस पूरे इलाके में नोएडा एयरपोर्ट, नोएडा फिल्म सिटी, टॉय सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी लॉन्च हो रहे हैं. इसका भी असर यमुना एक्सप्रेसवे पर पड़ेगा.