
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 2027 यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है. वह अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के फॉर्मूले को लगातार मजबूत कर रहे हैं. इस क्रम में आज बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता और बसपा सरकार में मंत्री रहे दद्दू प्रसाद अहिरवार सपा की साइकिल पर सवार हो गए. तो आइए जानते हैं कौन हैं बांदा निवासी दद्दू प्रसाद...
1982 में दद्दू प्रसाद ने राजनीति की शुरुआत DS-4 (दलित शोषित समाज संघर्ष समिति) के माध्यम से हुई. दद्दू प्रसाद 3 बार के विधायक रहे हैं. उन्होंने चित्रकूट जिले के मानिकपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से बसपा की ओर से चुनाव लड़ा और तीनों बार जीत हासिल की. 2007 में बसपा सरकार में उन्हें ग्राम्य विकास मंत्री और जोनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी गई. हालांकि, बाद में उनका मायावती से मनमुटाव हो गया था.
आपको बता दें कि दद्दू प्रसाद ने उन्होंने अपना पहला चुनाव मऊ मानिकपुर सुरक्षित सीट से 1993 में लड़ा था. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार मिली थी. भाजपा के मन्नू लाल कुरील ने उनको हरा दिया था.
इसके बाद 1995 में हुए उपचुनाव में दद्दू प्रसाद ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में उन्होंने मन्नू लाल को ही हराया था. लेकिन आरोप लगा था कि दद्दू को दस्यु ददुआ ने जितवाया था. तत्कालीन CM मुलायम सिंह यादव ने उनपर दस्यु सरंक्षण का केस भी दर्ज कराया था.
दद्दू प्रसाद का राजनीतिक करियर
दद्दू प्रसाद 2007 में तीसरी बार इसी सीट से चुनाव लड़े, जीते और फिर बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. मंत्री रहते हुए उनके ऊपर एक महिला से यौन उत्पीड़न का आरोप लगा. कोर्ट से 156/3 से केस दर्ज हुआ. मामले में दद्दू का PA जेल गया. हालांकि, पुलिस जांच में दद्दू को बरी कर दिया गया.
2012 में नए परिसीमन के दौरान मऊ मानिकपुर सीट सामान्य कर दी गई. नरैनी विधानसभा SC सुरक्षित कर दी गई. 2012 में मऊ मानिकपुर से दद्दू का टिकट काट चंद्रभान को दिया गया. जिसके बाद 2012 में दद्दू के ऊपर भितरघात का आरोप लगा और मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
दद्दू प्रसाद ने अपनी पार्टी बनाई
जिसके बाद दद्दू प्रसाद ने अपनी पार्टी बना ली. 2017 में अपनी पार्टी से मऊ मानिकपुर से चुनाव लड़े, महज 9 हजार वोट पाए, जमानत जप्त हो गई. तब उनका चुनाव चिन्ह चारपाई था. तब से दद्दू राजनीति में निष्क्रिय रहे. कभी चंद्रशेखर से मिले, कभी अखिलेश से, अब जाकर सियासत में रंगत आती दिख रही.
हालांकि, 2022 में ही नरैनी विधानसभा से सपा से टिकट की चर्चा रही, लेकिन पटेल यानी कुर्मी समाज ने विरोध किया तो अखिलेश ने दद्दू का टिकट काट दिया था. दस्यु ददुआ के मरने के बाद पटेल समाज दद्दू से नाराज रहता है. क्योंकि, बसपा की सरकार में ही ददुआ मारा गया गया था, तब दद्दू कैबिनेट मंत्री थे. दद्दू पर आरोप है कि ददुआ के एनकाउंटर में उनका भी हाथ था.
बसपा के ये नेता हो चुके हैं सपा में शामिल
पिछले कुछ समय से बहुजन समाज पार्टी के कई कद्दावर नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. अखिलेश यादव खुद इन नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रहे हैं. कभी बसपा में रहे बाबू सिंह कुशवाहा, इंद्रजीत सरोज, लाल जी वर्मा जैसे नेता अब सपा में हैं. माना ये भी जा रहे हैं कि अभी आगे कुछ और बहुजन समाज पार्टी के नेता समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे.