धर्म और आध्यात्म की नगरी वाराणसी में नगर निगम की कार्रवाई को लेकर मठ मंदिरों के संत महात्माओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है. नगर निगम वाराणसी द्वारा टैक्स बकाया होने पर मठ मंदिरों को कुर्की के नोटिस भेजे जाने के बाद संत समाज लामबंद होने लगा है. संत महात्मा इसे औरंगजेब के जजिया कर से जोड़ते हुए विरोध जता रहे हैं.
काशी के कई मठ मंदिरों को हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स और सीवर टैक्स के बकाया को लेकर नोटिस भेजे गए हैं. इनमें पातालपुरी मठ को दो लाख रुपये से अधिक टैक्स बकाया होने पर कुर्की का नोटिस मिला है. इसके बाद मठ के महंत और जगतगुरु बालक देवाचार्य ने पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद के लेटर हेड से देश भर के करीब 20 हजार संतों और महंतों को पत्र लिखने की शुरुआत की है.
काशी के कई मठ मंदिरों को नोटिस
बालक देवाचार्य का कहना है कि यह देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब मठ मंदिरों को कुर्की के नोटिस भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों को किसी भी तरह के टैक्स के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए. संत समाज ने इस मुद्दे पर बैठक भी की है और चेतावनी दी है कि यदि समाधान नहीं निकला तो वे आमरण अनशन पर जाने को मजबूर होंगे.
पातालपुरी मठ के पास स्थित सिद्धपीठ श्री जागेश्वर महादेव मंदिर मठ को भी नगर निगम ने 65 हजार रुपये से अधिक टैक्स का नोटिस भेजा है. मठ के महंत स्वामी मधुर कृष्ण ने सरकार के इस रवैये पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि सीधे कुर्की की चेतावनी देना गलत है और प्रशासन तथा मेयर को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.
मठ मंदिरों के संत महात्माओं ने दिखाई नाराजगी
वहीं नगर निगम वाराणसी के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पहले डिमांड नोटिस जारी किए गए थे. मठ मंदिरों की ओर से टैक्स माफी के आवेदन के बाद जांच में हाउस टैक्स माफ कर दिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उपासना स्थलों पर हाउस टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन वॉटर टैक्स और सीवर टैक्स नगर निगम की निर्धारित धाराओं के तहत लिया जाएगा. इसकी जानकारी सभी पक्षों को दे दी गई है.