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गोरखपुर की कोई ऐसी गली बता दो, जिसमें पानी ना भरा हो... अखिलेश ने सीएम योगी से पूछा सवाल

UP Legislature Monsoon Session: यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन सपा मुखिया ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने सीएम के गढ़ गोरखपुर को लेकर सवाल उठाया. इस पर सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि एक घंटे के भाषण में उन्हें सिर्फ गोरखपुर का जलजमाव दिखाई पड़ा.

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सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)
सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

यूपी विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सीएम के गढ़ गोरखपुर में जलभराव को लेकर सवाल उठाया. कहा कि नेता सदन प्रदेश को तो बाद में ठीक करेंगे. गोरखपुर की कोई ऐसी गली बता दें, जिसमें पानी ना भरा हो. 6.5 साल से मुख्यमंत्री हैं और अपने शहर का जलभराव नहीं ठीक कर पा रहे हैं, तो कोई कैसे उम्मीद करेगा कि प्रदेश में बाढ़ पर नियंत्रण होगा.

इसके साथ ही अखिलेश ने तंज कसा, "बिजली की क्या हालत है. नेता सदन आपने बिजली विभाग का सत्यानाश कर दिया है. सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर गोरखपुर में फुंके हैं. कहते थे कि किसान की आय दोगुनी करेंगे. मुझे लगता है कि दिल्ली और लखनऊ वाले इंजन टकरा रहे हैं. टमाटर पर आप बात ही नहीं करना चाहते हैं क्योंकि टमाटर की कीमत ने आपके चेहरे को लाल कर दिया".

'गोरखपुर वासी मौज में, क्योंकि जलजमाव नहीं'

अखिलेश के सवालों पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि एक घंटे के भाषण में उन्हें सिर्फ गोरखपुर का जलजमाव दिखाई पड़ा. उनके वक्तव्य से यही लगा कि साल 2014, 2017, 2019 और 2022 का जनादेश जनता ने ऐसे ही नहीं दिया. नेता विरोधी दल को गोरखपुर की चिंता हुई. उन्हें बता रहा हूं कि कल शाम से 133 MM बारिश हुई और गोरखपुर वासी मौज में हैं, क्योंकि अब वहां जलजमाव नहीं है. 

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'जो जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं...'


सीएम ने कवि दुष्यंत की पंक्ति 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं' पढ़कर भी सपा प्रमुख पर निशाना साधा. साथ ही कहा कि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, वो किसान, गरीब, दलित की पीड़ा क्या समझेंगे. पिछड़ों और अति पिछड़ों के साथ इन्होंने क्या व्यवहार किया ये पूरा प्रदेश जानता है.

इस साल बारिश मानसून के अनुकूल बहुत संतोषजनक नहीं

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन में सदस्यों ने बाढ़ और सूखा पर अच्छे सुझाव दिए. प्रदेश में अमूमन 15 जून तक आ जाता था. मगर, इस साल बारिश मानसून के अनुकूल बहुत संतोषजनक नहीं है. सामान्य से कम बारिश हुई है. प्रदेश मे बड़ा हिस्सा सूखाग्रस्त है. 2022-23 में 12 लाख 14 हजार से ज्यादा किसानों को 427 करोड़ रुपये का मुआवजा (बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि) दिया गया.
 

 

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