उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ शहर के विकास के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये की 'विकास योजना' तैयार की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इस योजना की समीक्षा की. इस विकास योजना का उद्देश्य है कि मेरठ को स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनाया जाए. इस विकास योजना के तहत 93 प्रोजेक्ट्स में से 6 परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है.
मेरठ की पहचान स्वतंत्रता संग्राम, खेल इंडस्ट्री, एजुकेशन और दिल्ली-एनसीआर के नजदीक होने से हुई है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शहर को खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का आदर्श केंद्र बनाया जाएगा. उन्होंने ट्रैफिक जाम खत्म करने, डिजिटल होर्डिंग लगाने और पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए हैं.
इस विकास योजना के तहत घर-घर से कूड़ा उठाना, नदियों का पुनर्जीवन और नेचुरल तरीकों से सीवेज ट्रीटमेंट पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा.
विकास योजना छह मुख्य विषयों पर केंद्रित है
यह योजना तीन चरणों में पूरी की जाएगी — इमीडियेट, मध्यम और लॉन्ग टर्म. पहले साल में 41 परियोजनाएं पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में मेरठ की आबादी लगभग 23 लाख है. उम्मीद जताई जा रही है कि 2041 तक बढ़कर आबादी लगभग 33.5 लाख हो जाएगी.
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मुख्यमंत्री ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, स्मार्ट रोड्स, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे और प्रमुख चौराहों के पुनर्विकास जैसी परियोजनाओं की समीक्षा की. इसके अलावा संजय वन, सूरजकुंड, थीम पार्क, तालाब और ऐतिहासिक स्थलों की सुंदरता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया.