उत्तर प्रदेश के बांदा में खाद की कालाबाजारी करने का मामला सामने आया है. डीएम के निर्देश पर SDM और जिला कृषि अधिकारी की टीम के औचक निरीक्षण करने पहुंची, तो इसका खुलासा हुआ है. कालाबाजारी के आरोप में सचिव और एक कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
मामला नरैनी तहसील के सहकारी उर्वरक केंद्र नहरी का है. यहां जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार ने थाना नरैनी में शिकायत करते हुए बताया कि मैं और SDM नरैनी सहकारी समिति के निरीक्षण को पहुंचे थे. संयुक्त टीम को निरीक्षण के दौरान सचिव नहीं मिले. इसके बाद उन्होंने मौजूद कर्मचारियों से रजिस्टर देखा. रजिस्टर में किसानों को दी जाने वाली खाद की क्रॉस चेकिंग की गई.
किसानों को दी एक-दो बोरी खाद, रजिस्टर में पांच दर्ज
जांच में अफसरों ने पाया कि रजिस्टर में पिछले एक महीने में 5.65 टन खाद की बिक्री दिखाई गई थी. अनियमितता दिखाने पर अफसरों ने फोन करके किसानों से क्रॉस चेक की, तो कालाबाजारी का खुलासा हुआ. जांच में यह भी पाया गया कि कई किसानों को एक या दो बोरी खाद दी गई है. मगर, रजिस्टर में पांच बोरी दर्ज की गई थी. कई किसानों को खाद तक नहीं दी गई है.
सचिव और कर्मचारी के खिलाफ केस दर्ज
रजिस्टर में कई किसानों का अंगूठा लगवा लिया गया था और खाद बाद में देंगे कहकर उन्हें टाल दिया गया. क्रॉस चेकिंग में एक किसान अमेठी जनपद का पाया गया. इसके बाद SDM और जिला कृषि अधिकारी ने जांच करके रिपोर्ट डीएम को सौंप दी. डीएम के निर्देश पर सचिव और एक कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
किसान यूनियन नेता का अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग
वहीं, बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने डीएम से मामले की शिकायत की है. उन्होंने कालाबाजारी करने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है. मामले में बांदा के ASP लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि डीएम के निर्देश पर खाद की कमी और बेचने के आरोप में वस्तु अधिनियम का मामला दर्ज किया गया है. जांच में जो भी साक्ष्य आएंगे, उसके अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.