उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करने वाले संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में रायबरेली और फतेहपुर, लखनऊ के एआरटीओ समेत 11 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एसटीएफ ने इस गिरोह के एक दलाल मोहित सिंह और ट्रक चालक सुनील यादव को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही लखनऊ में ARTO राजू बंसल और दलाल विनोद यादव सहित 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि यह नेटवर्क लंबे समय से ओवरलोड ट्रकों से वसूली का खेल चला रहा था.
ऐसे बांटी जाती थी वसूली की रकम
एसटीएफ की रिपोर्ट के मुताबिक रायबरेली के लालगंज कोतवाली सहित लखनऊ के मड़ियांवं थाना क्षेत्र में दर्ज इस केस में एआरटीओ प्रवर्तन फतेहपुर पुष्पांजली, पीटीओ अखिलेश चतुर्वेदी, एआरटीओ रायबरेली अंबुज, पीटीओ रेहाना, एआरटीओ लखनऊ राजू बंसल दलाल विनोद PTO समेत कई अधिकारी नामजद हैं. गिरफ्तार मोहित सिंह के पास से 141 ओवरलोड वाहनों की सूची, बैंक पासबुक, तीन मोबाइल, सात बैंक कार्ड और एक स्कॉर्पियो कार बरामद की गई.
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वहीं, चालक सुनील यादव के पास से नकद और मोबाइल मिला. दोनों से पूछताछ में सामने आया कि हर ट्रक से पास कराने के नाम पर 300 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक वसूले जाते थे. एसटीएफ सूत्रों के अनुसार आरोपी मोहित सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह और उसका साथी मिथुन, अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रकों को बिना चालान पास कराते थे.
मोहित हर महीने प्रतिगाड़ी ₹500 खुद रखता था, जबकि एआरटीओ और पीटीओ के ड्राइवरों को ₹1500 से ₹3500 तक हर महीने दिए जाते थे. बैंक खातों और नकद लेनदेन के जरिए यह रकम बंटाई जाती थी. एफआईआर में यह भी दर्ज है कि वसूली की पूरी रकम विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई जाती थी.
हर महीने होती थी 2.5 करोड़ की वसूली
एसटीएफ अब इस गिरोह से जुड़े अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है. कई नामजद अधिकारी फिलहाल पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए हैं. रायबरेली-फतेहपुर रूट पर लंबे समय से चल रहे इस वसूली नेटवर्क ने हर महीने लाखों रुपये का भ्रष्टाचार तंत्र खड़ा कर रखा था. सूत्रों के अनुसार प्रत्येक माह लगभग ₹2.5 करोड़ की अवैध वसूली की जाती थी. एसटीएफ की इस कार्रवाई से पूरे परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है.