scorecardresearch
 

'फैक्ट्री, घर-जेवर गिरवी... लाखों का कर्ज और अपनों की बेरुखी', शाहजहांपुर के कारोबारी ने सुसाइड नोट में बयां किया दर्द

शाहजहांपुर जिले में कर्ज में डूबे एक व्यापारी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर जो किया वह डरा देने वाला है. दरअसल, दंपति ने पहले अपने 3 साल के मासूम बेटे को जहर दिया और फिर दोनों ने फांसी लगाकर जान दे दी. पुलिस को मौके से 33 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. इसमें व्यापारी ने अपना दर्द बयां किया है.

Advertisement
X
शाहजहांपुर के कारोबारी सचिन ग्रोवर ने पत्नी संग किया सुसाइड (Photo: ITG)
शाहजहांपुर के कारोबारी सचिन ग्रोवर ने पत्नी संग किया सुसाइड (Photo: ITG)

यूपी के शाहजहांपुर जिले में कर्ज के जाल में फंसा एक हंसता-खेलता परिवार खत्म हो गया. न तो भाइयों ने साथ दिया और न ही दोस्तों ने. मिला तो सिर्फ धोखा. आखिर में तंग आकर व्यापारी ने अपनी पत्नी और 3 साल के मासूम बेटे के साथ अपनी जिंदगी खत्म कर ली. इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर दिया है. हर कोई इस बात को लेकर सदमे में है कि आखिर कोई परिवार इतना मजबूर कैसे हो सकता है कि अपने बच्चे की हत्या कर दे और फिर खुद भी आत्महत्या कर ले. 

आपको बता दें कि पूरी घटना शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र के दुर्गा एनक्लेव कॉलोनी की है. यहां व्यापारी सचिन ग्रोवर अपनी पत्नी शिवांगी और मासूम बेटे फतेह के साथ रहते थे. जानकारी के मुताबिक, सचिन ने अपने कारोबार के लिए जिला उद्योग केंद्र से ₹50 लाख का लोन लिया था. इस लोन पर सरकार की तरफ से भारी सब्सिडी मिलने वाली थी, लेकिन यहीं से उनकी परेशानी शुरू हुई. परिजनों के अनुसार, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी सब्सिडी दिलाने के बदले उनसे ₹25 लाख की रिश्वत मांग रहे थे. 

गौरतलब है कि यह कहानी सिर्फ कर्ज या रिश्वत की नहीं है, बल्कि एक परिवार की बेबसी और निराशा की भी है. मां-बाप ने शायद यह सोचा होगा कि अगर वे दुनिया में नहीं रहेंगे, तो उनका मासूम बच्चा अनाथ हो जाएगा. ऐसे में उन्होंने अपने बेटे को पहले जहर दिया, फिर खुद भी फांसी के फंदे पर झूल गए. 

Advertisement

सुसाइड नोट में दर्द की दास्तान

पुलिस को मौके से 33 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है. इसमें सचिन ने अपनी आपबीती लिखी है. माना जा रहा है कि नोट में कर्ज और रिश्वत की मांग करने वालों का जिक्र भी है. एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि "पति-पत्नी और उनके बच्चे ने आत्महत्या की है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी."

जांच पड़ताल में जुटी पुलिस

मृतक व्यापारी सचिन ग्रोवर की सास संध्या ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा, "सचिन ने लोन लिया था, लेकिन सब्सिडी के लिए अधिकारियों ने ₹25 लाख की रिश्वत मांगी. इसी वजह से वो बहुत परेशान थे. सुबह जब हम उनके कमरे में गए तो देखा कि सचिन और शिवांगी फंदे पर लटके हुए थे और उनका मासूम बच्चा बेड पर बेजान पड़ा था." 

‘मेरी जिंदगी बर्बाद हुई जब मैंने बरेली में बिजनेस सोचा’

सुसाइड नोट की शुरुआत ही दिल दहला देने वाली है. सचिन ने लिखा है, 'जब यह लेटर किसी को मिलेगा, तब तक मैं सचिन ग्रोवर, मेरी पत्नी शिवांगी, मेरा बेटा फतेह मेरी जान, मेरा जहान सबकुछ खत्म हो चुका होगा.' उन्होंने अपनी जिंदगी बर्बाद होने की वजह बरेली में कारोबार शुरू करने को बताया. लॉकडाउन के दौरान कारोबार में भारी नुकसान हुआ और उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया. 

Advertisement

अपनों की बेरुखी

सचिन ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि कैसे कर्ज से बाहर निकलने के लिए ससुराल वालों ने उनका साथ दिया लेकिन खुद के घरवालों ने नहीं. उन्होंने लिखा, 'मेरी फैक्ट्री, मेरी ससुराल का घर और उनका जेवर सब गिरवी था. तभी मेरे सास-ससुर, साले और मेरी वाइफ ने पैसों और मॉरली फुल सपोर्ट करके मुझे इस टेंशन से निकाला.' वहीं, उन्होंने अपने ही परिवार पर सपोर्ट न करने का आरोप लगाया. नोट में लिखा है, 'मेरी अपनी फैमिली ने मेरा कोई सपोर्ट नहीं किया.'

दोस्तों और रिश्तेदारों पर लगाए आरोप

सचिन के सुसाइड नोट में कई ऐसे नाम हैं, जिन पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपने भाई, चाचा और कुछ दोस्तों को भी अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. हालांकि, पुलिस ने अभी इन नामों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है. यह सुसाइड नोट बताता है कि व्यापारी सिर्फ आर्थिक तंगी से ही नहीं, बल्कि अपनों की बेरुखी और धोखे से भी परेशान था.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.) 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement