scorecardresearch
 

बनी नई म‍िसाल: सास ने बहू को दान कर दी क‍िडनी, परिवार के किसी र‍िश्ते से नहीं मिला था मैच

60 साल की पुष्पा देवी ने अपनी बहू रीना को किडनी दान कर समाज में बड़ा उदाहरण पेश किया. रीना एंड-स्टेज रीनल डिसीज (ESRD) से जूझ रही थीं और डायलिसिस पर थीं, लेकिन कोई भी परिवार का सदस्य किडनी डोनर नहीं बन पा रहा था. तब उनकी सास ने अपनी किडनी दान करने का फैसला किया.

Advertisement
X
सास ने बहू को दी किडनी दान
सास ने बहू को दी किडनी दान

सास-बहू के रिश्ते को लेकर अक्सर नोकझोंक की बातें होती हैं, लेकिन यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी में एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने इस रिश्ते को नई दिशा दी. मेरठ की 60 वर्षीय पुष्पा देवी ने अपनी बहू रीना को किडनी दान करके यह साबित कर दिया कि सास-बहू का रिश्ता सिर्फ तकरार का नहीं, बल्कि स्नेह और त्याग का भी हो सकता है.

बहू रीना दो बच्चों की मां है और मई 2024 से एंड स्टेज किडनी डिजीज (ESRD) से जूझ रही थीं और डायलिसिस पर थीं. उनका इलाज मेरठ के यशोदा हॉस्पिटल में चल रहा था, लेकिन उनके परिवार के किसी भी सदस्य का ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ. हालत इतनी गंभीर थी कि जब किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय बताया गया, तो उनकी सास पुष्पा देवी ने अपनी किडनी दान करने का फैसला लिया.

सास ने बहू को किडनी दान की 

यह कदम उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन बहू को बचाने के लिए उन्होंने अपनी सेहत की परवाह किए बिना यह कठिन निर्णय लिया. ऑपरेशन यशोदा हॉस्पिटल में डॉक्टर प्रजीत मजूमदार और उनकी टीम की देखरेख में सफलतापूर्वक हुआ.

ऑपरेशन के बाद दोनों स्वस्थ

ऑपरेशन के बाद डॉक्टर वैभव सक्सेना ने बताया कि रीना का केस जटिल था, लेकिन सास के निःस्वार्थ प्रेम और मेडिकल टीम की मेहनत से ट्रांसप्लांट सफल हो सका. अब दोनों सास-बहू पूरी तरह स्वस्थ हैं, जल्द ही दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. 

Advertisement

बता दें, भारत में हर साल करीब 2,20,000 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ 7,500 ट्रांसप्लांट ही हो पाते हैं. महिलाओं के लिए यह चुनौती और भी बड़ी होती है, क्योंकि 70% डोनर महिलाएं होती हैं, जबकि ज्यादातर किडनी पाने वाले पुरुष होते हैं. ऐसे में पुष्पा देवी का यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणा है 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement