उत्तर प्रदेश के बांदा में CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) के ड्राइवर को गाड़ी में हूटर बजाना महंगा पड़ गया. RTO (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) के अधिकारी ने गाड़ी को ओवरटेक करके रोका और गाड़ी के पेपड़ मांगे और न दिखाने पर 37 हजार का चालान काटकर गाड़ी को सीज कर लिया गया. CMO गाड़ी की चालान होने से विभाग में हड़कंप मच गया है. RTO के अधिकारी ने सीज करने की वजह भी बताई है.
दरअसल, बांदा जिले में इन दिनों नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया है. जानकारी के मुताबिक, एसीएमओ डॉ एम के गुप्ता CMO की गाड़ी लेकर बबेरू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जा रहे थे. ड्राइवर हूटर बजाते हुए तेजी से गाड़ी चला रहा था. इस दौरान RTO की टीम मुरवल के पास चेकिंग अभियान चल रहे थे. तेज रफ्तार गाड़ी को देखकर अधिकारी ने CMO की गाड़ी को रुकने के लिए कहा.
पेपड़ नहीं दिखाने पर 37 हजार का चालान
मगर, ड्राइवर ने सरकारी गाड़ी नहीं रोकी. इसके बाद RTO के अधिकारी ने गाड़ी का पीछा कर उसे रोक लिया और ड्राइवर से कागजात मांगे. लेकिन ड्राइवर कोई भी पेपड़ नहीं दिखा पाया. इसके बाद 37 हजार का चालान करके गाड़ी को सीज कर लिया गया. फिर RTO के अधिकारी ने डॉक्टर को अपनी गाड़ी से बबेरू CHC पहुंचा दिया. वहीं, एसीएमओ डॉ एम के गुप्ता का कहना है कि वे बबेरू नसबंदी शिविर जा रहे थे. उन्होंने RTO अधिकारियों का इशारा नहीं देखा.
मामले में रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी ने कही ये बात
रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की गाड़ी सायरन बजाते हुए तेज गति से जा रही थी. रुकने को कहा गया, लेकिन ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी. फिर गाड़ी को ओवरटेक करके रोका गया. इसके बाद ड्राइवर से कागजात मांगे गए. मगर, ड्राइवर ने गाड़ी की कोई भी कागजात नहीं दिखा पाया. गाड़ी को सीज कर 37 हजार का चालान किया गया है. गाड़ी 15 साल पुरानी है, वह अब स्क्रैब में भेजी जाएगी.