लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में लव जिहाद का मामला सुर्खियों में है. पीड़िता खुद एक महिला डॉक्टर है, जिसने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर रमीज पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, जबरन गर्भपात, धमकी और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं.
पीड़िता की तहरीर के मुताबिक, आरोपी का नाम डॉ. रमीज है, जो उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के खटीमा का निवासी बताया गया है. जांच में उसका सहारनपुर से भी संबंध सामने आया है. रमीज ने आगरा मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई पूरी की थी और NEET PG 2023 क्वालीफाई करने के बाद KGMU लखनऊ में MD पैथोलॉजी में दाखिला लिया था. DGME के काउंसलिंग लेटर के अनुसार, उसकी स्टेट रैंक 2007 थी और उसे बैकवर्ड क्लास ओपन कैटेगरी के तहत प्रवेश मिला था.
दोस्ती धीरे-धीरे बदली नजदीकियों में
पीड़िता का कहना है कि रमीज से उसकी पहचान पहले दोस्ती के रूप में हुई. धीरे-धीरे यह दोस्ती नजदीकियों में बदल गई. आरोपी ने खुद को अविवाहित बताया और शादी का भरोसा देकर शारीरिक संबंध बनाए. पीड़िता का आरोप है कि रमीज ने भावनात्मक रूप से उसे इस कदर बांध लिया कि वह उसकी बातों पर आंख मूंदकर विश्वास करती रही. सितंबर महीने में पीड़िता को अपनी प्रेग्नेंसी का पता चला. आरोप है कि इस जानकारी के बाद रमीज ने उसे दवाइयां खिलाकर जबरन गर्भपात करा दिया. इसके बावजूद उसने शादी का भरोसा बनाए रखा और पीड़िता को लगातार भ्रम में रखकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा. पीड़िता का कहना है कि वह शादी को लेकर गंभीर थी, लेकिन आरोपी हर बार किसी न किसी बहाने से बात टाल देता था.
धर्म परिवर्तन की रखी शर्त
अक्टूबर में जब पीड़िता ने साफ तौर पर शादी की बात रखी, तब रमीज ने शर्त रख दी कि शादी तभी होगी जब वह धर्म परिवर्तन करेगी. पीड़िता के अनुसार, उसने इस शर्त को मानने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद आरोपी का व्यवहार पूरी तरह बदल गया. मानसिक प्रताड़ना शुरू हो गई और बात-बात पर धमकियां दी जाने लगीं. पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल किया. यही नहीं, उसने पीड़िता की सुरक्षा को भी खतरे में बताया है. शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने कई बार खुलेआम कहा कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी, तो उसका करियर और सामाजिक जीवन दोनों बर्बाद कर देगा.
पत्नी मानसी सक्सेना से हुई मुलाकात
मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब पीड़िता की अचानक आरोपी की पत्नी मानसी सक्सेना से मुलाकात हुई. इसी मुलाकात में पीड़िता को पता चला कि रमीज पहले से शादीशुदा है. इस खुलासे ने पीड़िता को अंदर से तोड़ दिया. जिस व्यक्ति पर उसने भरोसा किया, वह न सिर्फ झूठ बोल रहा था, बल्कि दोहरी जिंदगी भी जी रहा था. मानसिक तनाव, धोखे और लगातार ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर पीड़िता ने 17 दिसंबर को आत्महत्या की कोशिश की. उसने करीब 30 टैबलेट खा लीं. उसके दोस्त शुभम और उर्वशी ने समय रहते उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, जिससे उसकी जान बच सकी.
पिता को सुनाई आपबीती
अस्पताल से स्वस्थ होने के बाद पीड़िता ने अपने पिता को पूरी आपबीती बताई. परिवार के सहयोग से उसने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई. पीड़िता मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली है और फिलहाल लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में रहकर KGMU में MD पैथोलॉजी की पढ़ाई कर रही है. पीड़िता का आरोप है कि मुस्लिम रेजिडेंट डॉक्टर रमीज ने न सिर्फ उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाया, बल्कि इनकार करने पर उसे मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया. उसके अनुसार, धर्म परिवर्तन के दबाव और ब्लैकमेलिंग ने ही उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.
मुख्यमंत्री ने ली पूरी जानकारी
मामला सामने आने के बाद पीड़ित महिला डॉक्टर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक KGMU में एक गैंग बनाकर धर्मांतरण की गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. इस आरोप के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर हलचल तेज हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है. उन्होंने साफ कहा है कि दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा. योगी सरकार ने पूरे प्रकरण पर KGMU प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसके बाद KGMU प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है. विश्वविद्यालय परिसर में उसके प्रवेश पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है. साथ ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.