उत्तर प्रदेश भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम इस पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है. शनिवार को पंकज चौधरी ने लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय में औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया.
अब तक प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल उन्हीं का नामांकन सामने आया है, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग निश्चित माना जा रहा है.
पंकज चौधरी ने नामांकन के बाद ‘आजतक’ से खास बातचीत में कई अहम संकेत दिए. उन्होंने साफ किया कि फिलहाल प्रक्रिया जारी है और औपचारिक घोषणा रविवार दोपहर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा की जाएगी. चौधरी ने कहा कि संगठन जो भी जिम्मेदारी देगा, उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाया जाएगा.
पंकज चौधरी ने बातचीत में कहा, “आज (शनिवार) तो पर्चा दाखिल हुआ है, अभी स्क्रूटनी हो रही है. आधिकारिक घोषणा रविवार दोपहर 2 बजे हमारे केंद्रीय नेता विनोद तावड़े साहब और पीयूष गोयल साहब करेंगे. उसके बाद हम आगे की कार्ययोजना पर विस्तार से बात करेंगे.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संगठनात्मक जिम्मेदारी मिलने से पहले किसी तरह की विस्तृत रणनीति पर बोलना उचित नहीं होगा.
'संगठन के कहने पर पर्चा दाखिल किया'
इस सवाल पर कि उन्हें इस जिम्मेदारी की जानकारी कब मिली, चौधरी ने कहा कि संगठन स्तर पर सभी सांसदों और विधायकों को लखनऊ बुलाया गया था. संगठन की ओर से मुझे बताया गया कि मुझे नामांकन दाखिल करना चाहिए. उसके बाद मैंने पर्चा दाखिल किया.
चौधरी ने मीडिया में चल रही अटकलों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि खबरें और संगठन का निर्णय अलग-अलग चीजें हैं. भाजपा में बहुत सी खबरें चलती हैं, जो सही नहीं होतीं. अंतिम फैसला हमेशा संगठन करता है.
कुर्मी वोट बैंक और ओबीसी राजनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर पंकज चौधरी ने बेहद संतुलित जवाब दिया. उन्होंने कहा, “पहले जिम्मेदारी मिलने दीजिए, फिर कार्ययोजना बताई जाएगी.”
हालांकि राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि सात बार के सांसद और कुर्मी समुदाय से आने वाले पंकज चौधरी को आगे कर भाजपा ओबीसी, खासकर कुर्मी मतदाताओं में 2024 लोकसभा चुनावों के बाद आई नाराजगी को दूर करने की कोशिश कर रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाए जा रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान पर पंकज चौधरी ने खुलकर समर्थन जताया. उन्होंने कहा, “योगी आदित्यनाथ जी जो कार्यक्रम चला रहे हैं, वह होना भी चाहिए. देश में कोई भी बाहरी आदमी नहीं होना चाहिए. हम पूरी तरह से इसका समर्थन करते हैं.”
नामांकन में सीएम योगी बने प्रस्ताव
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक उनके प्रस्तावक बने. नामांकन प्रक्रिया के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव विनोद तावड़े और लखनऊ भाजपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने चुनाव अधिकारी के रूप में पंकज चौधरी का नामांकन स्वीकार किया. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, यूपी सरकार के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना और बेबी रानी मौर्य समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
सात बार के सांसद हैं पंकज चौधरी
पंकज चौधरी सात बार के लोकसभा सांसद हैं और महाराजगंज संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह ओबीसी वर्ग के कुर्मी समुदाय से आते हैं और पार्टी के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी ने यह फैसला आगामी पंचायत चुनावों और 2027 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया है.
ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश?
2024 के लोकसभा चुनावों और उससे पहले 2022 के विधानसभा चुनावों में कुर्मी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी की ओर झुका था. ऐसे में भाजपा द्वारा एक कुर्मी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना, ओबीसी वोट बैंक में संदेश देने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. अगर पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (गोरखपुर) और प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी (महाराजगंज), दोनों ही पूर्वी उत्तर प्रदेश से होंगे, जिससे क्षेत्रीय संतुलन भी साधा जाएगा.
पार्षद से सांसद तक का सफर
पंकज चौधरी ने राजनीति की शुरुआत 1989 में नगर निगम गोरखपुर के पार्षद के रूप में की थी. उसी चुनाव में वे उप सभापति भी चुने गए. इसके बाद 1991 में महज 27 साल की उम्र में उन्हें महराजगंज लोकसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया. कुर्मी बहुल इस जिले में जातीय समीकरण उनके पक्ष में बैठे और वे पहली बार सांसद बनकर देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
1991 से 2024 तक पंकज चौधरी का चुनावी रिकॉर्ड बेहद मजबूत रहा है. 1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो उन्होंने 1991, 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में महराजगंज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की.