
यूपी के फिरोजाबाद में पुलिस ने दो करोड़ रुपये की लूट के मुख्य आरोपी और 50 हजार के इनामी बदमाश नरेश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. उसका पोस्टमार्टम सोमवार को जिला अस्पताल में पुलिस की कड़ी निगरानी में कराया गया. चिकित्सकों के पैनल की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई. एक्सरे में एक गोली लगने की पुष्टि हुई है. देर शाम पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
अलीगढ़ (खैर) से नरेश के पिता भूरी सिंह, चाचा और जीजा दिनेश सिंह फिरोजाबाद जिला अस्पताल पहुंचे थे. शाम करीब पांच बजे पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया, जिसे देख वे फफक पड़े. पुलिस अभिरक्षा में अंतिम संस्कार गांव में हुआ.
अस्पताल में एएसपी सिटी रविशंकर प्रसाद, सीओ सदर अरुण चौरसिया, महिला थाना प्रभारी रीना, उत्तर थाना प्रभारी संजुल पांडेय, मक्खनपुर थाना प्रभारी चमन शर्मा, थाना रामगढ़ प्रभारी संजीव दुबे व एलआइयू प्रभारी मौजूद रहे. पूरा अस्पताल परिसर छावनी में तब्दील था. कड़ी सुरक्षा के बीच नरेश के शव को उसके अलीगढ़ के गांव में भेजा गया.
30 सितंबर को हुई थी दो करोड़ की लूट
आपको बता दें कि 30 सितंबर की सुबह मक्खनपुर थाना क्षेत्र में हाईवे पर गुजरात की जीके कंपनी की कार से बदमाशों ने दो करोड़ रुपये की लूट की थी. शनिवार को पुलिस ने अलीगढ़ के थाना खैर क्षेत्र के गांव अरनी निवासी गैंग सरगना नरेश पुत्र भूरी सिंह सहित छह लुटेरों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में नरेश ने बताया था कि लूट की कुछ धनराशि हाईवे किनारे झाड़ियों में छिपाई गई है. इसपर पुलिस उसे मौके पर लेकर गई थी, तभी वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था.

खोजबीन के क्रम में रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे बीएमआर होटल के पास पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. इसमें 50 हजार का इनामी बदमाश नरेश गोली लगने से घायल हो गया. उसके पास से पिस्टल-कारतूस व खोखे मिले थे. घायल नरेश को ट्रामा सेंटर लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
एएसपी की बुलेटप्रूफ जैकेट में अटकी गोली
मुठभेड़ के दौरान थाना रामगढ़ प्रभारी संजीव दुबे घायल हुए थे, जबकि एएसपी देहात अनुज चौधरी बाल-बाल बच गए. बदमाश की गोली उनकी बुलेटप्रूफ जैकेट में अटक गई थी। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में बदमाश नरेश को गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई.
2014 में रखा था अपराध की दुनिया में कदम
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, नरेश ने वर्ष 2014 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. फरीदाबाद में उसके खिलाफ पहला मुकदमा लूट और अपहरण का दर्ज हुआ था. इसके बाद वह दिल्ली, गाजियाबाद और फरीदाबाद में लूट, अपहरण और अवैध हथियारों की वारदात करता रहा.
2017 में दिल्ली में दो मामले दर्ज हुए थे. 2018 में गाजीपुर (दिल्ली) में नशीले पदार्थ और अवैध हथियार रखने के आरोप में पकड़ा गया. 2019 में गाजीपुर में मारपीट, छीना-झपटी और चोरी के केस दर्ज हुए. नरेश ने 2022 में उसने मुखर्जी नगर (दिल्ली) और कौशांबी (गाजियाबाद) में लूट की घटना की थी. डीआईजी आगरा रेंज ने उसपर 50 हजार का इनाम घोषित किया था.