नोएडा सेक्टर-30 की कोठी नंबर-D40 में हुआ रेनू सिन्हा मर्डर मामला इन दिनों सुर्खियों में है. रेनू के भाई अजय सिन्हा ने इस मामले से जुड़ी छोटी से छोटी बात 'क्राइम तक' के जरिए साझा की. उन्होंने बताया कि अगर उन्हें अनहोनी का शक न होता और वे समय पर पुलिस को इसकी जानकारी न देते तो जीजा नितिन सिन्हा फुर्र हो जाता. उन्होंने बताया कि रेनू का पति कुछ भी नहीं कमाता था. आर्थिक रूप से अजय ही रेनू की मदद करते थे.
'क्राइम तक' से बातचीत में अजय ने बताया कि हमारी बहन रोजाना परिवार की बात करती थी. शनिवार को उसका फोन नहीं आया. हमें चिंता होने लगी. उसे लगातार फोन किया जा रहा था, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. फिर मैंने उसकी एक दोस्त को फोन किया. वो घर पहुंची तो देखा घर में ताला लगा हुआ है. हमने करीब 2 बजे के आसपास नोएडा पुलिस को इसकी सूचना दी. नोएडा पुलिस तुरंत हमारे साथ मौके पर पहुंची. फिर ताला तोड़ा गया. जब हम ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे तो हमें रेनू की लाश मिली. रात के वक्त पुलिस का फोन आया कि कुछ सुराग हाथ लगा है. हम दोबारा डी 40 कोठी पहुंचे. वहां स्टोर रूम से नितिन छिपा बैठा था. उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.
उन्होंने कहा, ''हम रेनू और नितिन की आर्थिक रूप से मदद करते थे. मेरी बहन को कैंसर था. नितिन कुछ नहीं करता था. मैंने कभी सपने में भी ये नहीं सोचा था कि वो इस हरकत को अंजाम दे देगा. मुझसे कह देता हम ये प्रॉपर्टी खरीद लेते.''
उधर, इस हत्याकांड को लेकर यूपी पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. आरोपी कोठी बेचकर लंदन शिफ्ट होना चाहता था, लेकिन वकील पत्नी कोठी बेचने का विरोध करती थी. जांच में ये भी बात सामने आई है कि अगर रेनू का भाई पटना से नोएडा नहीं आता तो शायद आरोपी अपनी प्लानिंग में सफल हो जाता. दरअसल,आरोपी शव को देर रात ठिकाने लगाने की प्लानिंग कर रहा था, लेकिन आखिर वक्त में उसकी प्लानिंग फेल हो गई.
कोठी बेचने को लेकर होता था दंपति में विवाद
कोठी को बेचने को लेकर दोनों के बीच विवाद होता रहता था. ये बात रेनू ने अपने मायकेवालों को बताई थी. इस बीच उनका भाई पिछले दो दिनों से रेनू को फोन कर रहा था. जब दो दिनों तक फोन नहीं उठा तब मायके वालों को किसी अनहोनी का शक हुआय. ऐसी स्थिति में रेनू का भाई पटना से नोएडा आ गया. इसके बाद जब वो घर पहुंचे तो घर का दरवाजा बंद था. रेनू के भाई ने रविवार सुबह ही पुलिस को जानकारी दी, लेकिन पुलिस ने सुबह रिएक्ट नहीं किया. लेकिन जब पुलिस पर दबाव पड़ने लगा, तब जाकर शाम सात बजे के करीब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. उसके बाद मामले का खुलासा हुआ.
रात में लाश को ठिकाने लगाने का था मकसद
जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपी ने रविवार सुबह करीब 10 बजे के आसपास ही रेनू का कत्ल किया. इसके बाद उसका मकसद रविवार रात को ही लाश को ठिकाने लगाने का था, लेकिन इस बीच पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और डर के मारे वो स्टोर रूम में छिप गया. नितिन ने हत्या के बाद डीलर से घर में मीटिंग की. इसके साथ साथ वो कई सबूत मिटाते जा रहा था. उसने सीसीटीवी का डीवीआर भी गायब कर दिया था. उसने करीब 10 बजे रेनू की हत्या कर दी थी. इसके बाद करीब 8-9 घंटों तक वो घर में ही रहा और रात का इंतजार करने लगा. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसकी सारी प्लानिंग फेल हो गई.
एक ही मकान में अलग-अलग रहते थे पति-पत्नी
जांच में पता चला है कि दोनों का बेटा अमेरिका में रहता है, जो साल में एक या दो बार ही भारत आता है. रेनू के भाई ने आरोप लगाया कि उनका जीजा नितिन बहन को परेशान करता था. उन्होंने अपने जीजा पर ही हत्या की आशंका जताई थी. बताया जाता है कि एक ही मकान में रहकर भी पति-पत्नी अलग रहते थे. बेटा जब आता था तो वह पिता से कम ही बात करता था. बहरहाल, पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है.