उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक गैंगस्टर और उसके वकील के खिलाफ धोखाधड़ी और जाली डॉक्यूमेंट्स इस्तेमाल करने का केस दर्ज किया गया है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बेल लेने के लिए नकली श्योरिटी पेपर्स का इस्तेमाल किया. इस बात की जानकारी पुलिस ने बुधवार को एक न्यूज एजेंसी को दी.
पुलिस ने बताया कि खतोली SHO दिनेश चंद भगेल की शिकायत पर गैंगस्टर नीरज बाबू और उसके वकील योगेंद्र कुमार के खिलाफ मंगलवार को FIR दर्ज की गई. एडिशनल SP सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने रिपोर्टर्स को बताया कि गैंगस्टर उन श्योरिटीज़ के आधार पर बेल लेने के बाद से फरार था, जो बाद में नकली पाई गईं.
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यह मामला तब सामने आया जब आरोपी अरेस्ट वारंट जारी होने के बावजूद स्पेशल कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि प्रताप सिंह और बिलखराम नाम के दो श्योरिटीज़ फ्रॉड थे. बेल मिलने से पहले ही प्रताप सिंह की मौत हो गई थी, जबकि बिलखराम कभी श्योरिटी देने के लिए पेश नहीं हुआ.
ऑफिसर ने कहा कि दोनों अपने बताए गए पतों पर नहीं मिले. आरोप है कि वकील योगेंद्र कुमार ने आरोपियों के साथ मिलकर 7 अक्टूबर, 2022 को स्पेशल कोर्ट में जाली ज़मानत के कागज़ात जमा किए, जिससे गैंगस्टर ज़मानत पर रिहा हो गया. उन्होंने कहा कि मामले की डिटेल में जांच शुरू कर दी गई है.