उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत धपरी गांव में एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करते हुए अपनी एक बिस्वा (लगभग 1364 स्क्वायर फीट) जमीन गांव को शिव मंदिर बनाने के लिए दान कर दी. यह फैसला तब लिया गया जब जमीन की नींव की खुदाई के दौरान वहां एक प्राचीन शिवलिंग मिला.
जानकारी के मुताबिक, सकलैन हैदर नामक व्यक्ति ने दान किए जमीन अपने रिश्तेदार अख्तर अंसारी को रजिस्ट्री के माध्यम से दी थी. जब अख्तर अंसारी बाउंड्री वॉल की खुदाई करवा रहे थे, तब जमीन के अंदर से एक शिवलिंग मिला. यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई और भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए.
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शिवलिंग मिलने की जानकारी पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और शिवलिंग को पास के मंदिर में अस्थाई रूप से रखवाया गया. ग्रामीणों की यह मांग थी कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, वहीं एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए.
इसी मांग के समर्थन में सकलैन हैदर और उनके परिवार ने एक बिस्वा निजी भूमि गांव को मंदिर निर्माण हेतु देने का निर्णय लिया. सकलैन हैदर ने कहा कि वह गांव में वर्षों से रहते हैं और हर त्योहार सभी समुदायों के साथ मिलकर मनाते हैं. इसलिए यह निर्णय आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की भावना से लिया गया है.
सावन के तीसरे सोमवार को महिलाओं ने शिवलिंग को फिर से उसी स्थान पर स्थापित किया, जहां वह खुदाई में मिला था. इस स्थान पर पूजा-पाठ, जलाभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन शुरू हो गया. हजारों श्रद्धालु आसपास के गांवों से पहुंचकर पूजा कर रहे हैं. स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर फोर्स की तैनाती कर दी है और अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं.
स्थानीय विधायक नीरज त्रिपाठी और अन्य नेताओं ने सकलैन हैदर के इस निर्णय की सराहना की और इसे त्याग की भावना बताया. गांववाले इस निर्णय से बेहद खुश हैं और इसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मान रहे हैं. सकलैन का यह कदम न केवल चंदौली, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण बन गया है.