
लखनऊ के चिनहट थाने में मोहित पांडे नाम के युवक की कस्टोडियल डेथ का मामला चर्चा में है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के बाद मोहित की तबीयत बिगड़ी जिससे उसने दम तोड़ दिया. फिलहाल, मोहित पांडे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई, लेकिन इसमें मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. इसलिए विसरा को सुरक्षित रखा गया है.
वहीं, बवाल बढ़ने के बाद इंस्पेक्टर चिनहट रहे अश्विनी चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही कथित कस्टोडियल डेथ केस की जांच चिनहट थाने से हटाकर, गोमती नगर विस्तार पुलिस को दी गई है. परिजनों की तहरीर के आधार पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है.
लखनऊ पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘Cause of death could not be ascertained, hence viscera preserved for chemical analysis and heart preserved for histopathological examination’ आया है. मतलब- पोस्टमार्टम में मौत का कारण पता नहीं चल सका है, इसलिए रासायनिक विश्लेषण के लिए विसरा और हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच के लिए हृदय सुरक्षित रखा गया है.
चिनहट पुलिस पर गंभीर आरोप
बताया जा रहा है कि एक विवाद के बाद रात में 11 बजे पुलिस ने आरोपी मोहित पांडे को उठाया. रात डेढ़ बजे जानकारी सामने आई कि उसकी तबीयत खराब हो गई है. फिर इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई. अब पुलिस की हिरासत में हुई इस मौत पर हंगामा मचा हुआ है. आरोप लग रहे हैं कि पुलिस की पिटाई के चलते युवक की जान गई है. घटना के बाद युवक के परिवार का आरोप है कि चिनहट थाने के पुलिसवालों ने मोहित को इतना पीटा कि उसकी जान चली गई.

मृतक के परिजनों के मुताबिक, आदेश नाम के शख्स से मोहित का बहुत छोटा सा विवाद हुआ था, आरोप है कि आदेश के चाचा स्थानीय नेता हैं, इसलिए पुलिस ने दबाव में मोहित को हिरासत में ले लिया. मोहित से मिलने जब उसका भाई शोभाराम थाने पहुंचा तो उसे भी हिरासत में ले लिया. पुलिस ने मोहित को रात 11 बजे उठाया, लेकिन उठाने का समय रात के डेढ़ बजे लिखा.
11 बजे से डेढ़ बजे के बीच मोहित के साथ क्या हुआ, मालूम नहीं? मगर रात के डेढ़ बजे की जो सीसीटीवी तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें मोहित की तबीयत बिगड़ी हुई दिख रही है, बताया जा रहा है कि मोहित को लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी जान चली गई.
आरोप लगने के बाद सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर चिनहट थाने के इंचार्ज अश्विनी कुमार के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया, इसके बाद उन्हें हटा दिया गया है, अब सब इंस्पेक्टर भरत कुमार पाठक को थाने का चार्ज दिया गया है.
इस घटना के बाद मोहित के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिवार मांग कर रहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. साथ ही परिवार को भरण पोषण के लिए 50 लाख का मुआवजा मिले. मोहित की पत्नी को सरकारी नौकरी और घटना की सीबीआई जांच हो.
चिनहट थाने में मोहित पांडे की मौत पर इन सवालों के जवाब नहीं पुलिस के पास
शुक्रवार रात 11:00 मोहित पांडे को थाने लाया गया लेकिन गिरफ्तारी शनिवार दोपहर 1:00 बजे के लगभग दिखाई गई. लगभग 14 घंटे मोहित पांडे को गैर कानूनी ढंग से थाने के लॉकअप में क्यों रखा गया?
जब रात में मोहित पांडे को थाने लाया गया इस वक्त क्यों गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई?
हत्या में नामजद आरोपी आदेश और उसके चाचा अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए?
कौन है आदेश का चाचा जिसपर परिवार वालों ने लगाया आरोप कि इसी चाचा के इशारे पर थाने में पिटाई की गई?