UP News: राजधानी लखनऊ में फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा (PMJJBY) क्लेम लेने की कोशिश की गई. सैकड़ों की तादात में क्लेम के लिए आवेदन दिए गए. इनमें से कई आवेदकों की मृत्यु हो चुकी और बाद में बीमा कराया गया. वहीं, कइयों की मृत्यु ही नहीं हुई और क्लेम कर दिया गया. हालांकि, इस पूरे मामले पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है. अब जांच की जा रही है कि इतनी तादाद में फर्जी डेथ सर्टिफिकेट कैसे बनाए गए?
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा का क्लेम लेने के लिए 242 फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाकर इंडिया फर्स्ट इंश्योरेंस कंपनी से 4 करोड़ 84 लाख रुपए का क्लेम लेने का प्रयास किया गया. इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने पर कंपनी ने फॉर्म चेक करवाए तो सारे के सारे फर्जी निकले. इसके बाद कंपनी की तरफ से साइबर सेल में मुकदमा दर्ज करवाया गया.
साइबर सेल की एसीपी अल्पना घोष के मुताबिक, बीमा कंपनी का ऑफिस विभूति खंड साइबर टावर में है. जहां की लीगल वाइस प्रेसिडेंट विरल एम जोशी ने एफआईआर दर्ज करवाई है. कंपनी बैंक ऑफ बड़ौदा से अटैच है.
अपात्र लोगों ने किया दावा
आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में लोगों ने मृत्यु के बाद पॉलिसी कराई गई या जिंदा होते हुए भी बीमा की राशि के लिए क्लेम कर दिया गया. आरोप है कि यह सभी प्रमाण पत्र फर्जी वेबसाइट crosgov.com और crossgov.in रजिस्टर कराए गए थे. जो कि एक बेंगलुरु की कंपनी है. मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने इस मामले के आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी का दावा किया है.
क्या है PMJJBY ?
बता दें कि PMJJBY एक तरह का टर्म इंश्योरेंस है. इसमें 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्ति को 2 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है. इसके लिए उसे सालाना 330 रुपये का प्रीमियम भरना होता है. इस बीमा को किसी भी बैंक का खाताधारक खरीद सकता है.
PMJJBY में बीमित व्यक्ति की किसी भी कारण से मौत होने पर उसे बीमा कवर मिलता है. इसका मतलब इसमें कोविड से हुई मौत भी शामिल है. यहां तक कि किसी व्यक्ति की हत्या हो जाने या उसके आत्महत्या करने पर भी उसे बीमा कवर मिलता है.