उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाना अनिवार्य किए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. शीर्ष अदालत के फैसले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी रिएक्शन दिया है. उन्होंने इस फैसले को 'सौहार्दमेवजयते' बताते हुए लिखा, "एक नयी नाम-पट्टिका पर लिखा जाए- सौहार्दमेवजयते!"
बता दें कि कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जरूरी निर्देश जारी किए थे, जिसके मुताबिक, सड़क किनारे ठेले समेत हर खाद्य पदार्थ की दुकान के मालिक अपने नाम का बोर्ड लगाना जरूरी होगा. एक दिन पहले ही इस नियम की शुरुआत मुजफ्फरनगर में हुई थी. वहां स्थानीय प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर उनके मालिक और संचालक के नाम लिखने के निर्देश दिए थे.

नेमप्लेट को NO, शाकाहार-मांसाहार को YES
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है. दुकानदारों को सिर्फ खाने के प्रकार बताने होंगे. ढाबा में खाना शाकाहारी है या मांसाहारी... ये बताना होगा. इस मामले में अब 26 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.
नेम प्लेट को NO, शाकाहारी-मांसाहारी के बोर्ड को YES... कांवड़ रूट को लेकर SC के फैसले की बड़ी बातें
कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी ने की थी सुरक्षा बैठक
दरअसल कांवड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की थी और पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली हर दुकान के मालिक और उसके संचालक का नाम लिखने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने हलाल प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया. हालांकि विपक्ष के नेताओं ने यूपी सरकार के इस आदेश को वापस लेने के लिए कहा था. यहां तक एनडीए में शामिल केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने भी इस आदेश को गलत बताया था.