
शुभम और ऐशान्या की शादी को अभी दो महीने भी नहीं हुए थे. मांग में भरे सिंदूर ने दोनों को सात जन्मों के अटूट बंधन में जोड़ा था. शुभम ने जब ऐशान्या की मांग में सिंदूर भरा था, तब दोनों की आंखों में सिर्फ सपने थे. सपने साथ जीने और साथ बुढ़ापे तक चलने के. लेकिन किसे पता था कि आतंकी इस जोड़ी को ऐसे अलग कर देंगे. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले शुभम की निर्मम हत्या ने इस प्रेम कहानी को अधूरा कर दिया. ऐशान्या की मांग का सिंदूर उस दिन सूख गया था, लेकिन उसकी आंखों में बहते आंसुओं ने देश की आत्मा को झकझोर दिया.
सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है. ऐशान्या कहती हैं कि यह आपरेशन सिंदूर हम वीर पत्नियों के आंसुओं का जवाब है, जिसमें शुभम और मेरी तरह दूसरों के भी पति आतंकी हमले में मारे गए. हमारा सिंदूर अब शौर्य, प्रतिशोध और राष्ट्रभक्ति का संकल्प बन गया है.
कानपुर का शुभम उन 26 लोगों में से एक थे, जो 22 अप्रैल को हुए कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए. ऐशान्या की शादी को महज 60 दिन भी नहीं हुए थे. वह बार-बार कहती हैं- मुझे गर्व है कि शुभम ने देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन मेरा सिंदूर छिन गया. अब कोई और औरत इस दर्द से न गुजरे, यही मेरी प्रार्थना है.

सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. अब ऐशान्या जैसे उन तमाम लोगों को यह भरोसा मिला है कि देश अपने वीरों के बलिदान को यूं ही नहीं जाने देता. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, एक देश की संकल्प रेखा है. उस सिंदूर की तरह जो किसी पत्नी की मांग में तो होता है, लेकिन जब देश पर हमला होता है, तो वही सिंदूर आतंकियों की बरबादी का प्रतीक बन जाता है.
ऐशान्या कहती हैं कि ऑपरेशन सिंदूर नाम रखकर हमें यह पर्सनल मैसेज दिया है कि हम आपका बदला लेकर आए हैं. ऑपरेशन का नाम देख कर मैं काफी भावुक हूं, शुभम की तस्वीर देखकर अकेले में बहुत रोई. सरकार ने भी बता दिया कि कि ऐसा जवाब दिया है कि अब तुम्हारी औकात नहीं होगी कि हमारे देश के किसी बच्चे और नागरिक को मार दो. ऐशान्या कहती हैं कि अब एक और शुभम नहीं जाएगा इस देश से.
आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए मुझे विश्वास है बाकी आतंकियों को भी निशाना बनाया जाएगा. यह बदला है. ऐशान्या कहती हैं कि मैंने बोला था आतंकियों को लाइए मत उन्हें, उन्हें बताइए मत. उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दीजिए, सेना ने वैसा ही किया.