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सिर्फ नोज पिन की वजह से परीक्षा नहीं दे पाई नूर फातिमा, फूट-फूट कर रोई फिर भी नहीं पसीजा अफसरों का दिल

कानपुर में परीक्षा के दौरान नाक में नथ पहनने की वजह से लखनऊ की छात्रा नूर फातिमा का पेपर छूट गया. मेटल हटाने में देरी होने पर 8:15 के बाद गेट बंद कर दिया गया. छात्रा घंटों रोती रही, लेकिन नियमों का हवाला देकर प्रवेश नहीं दिया गया. वहीं स्कूल की प्रिंसिपल नीतू शर्मा ने कहा कि परीक्षा आयोग के निर्देश हैं कि मेटल पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं है.

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नोज पिन की वजह से परीक्षा नहीं दे पाई छात्रा (Photo: Screengrab)
नोज पिन की वजह से परीक्षा नहीं दे पाई छात्रा (Photo: Screengrab)

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आयोजित सहायक अध्यापक (LT ग्रेड) परीक्षा के दौरान एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. ज्ञान भारती गर्ल्स इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर लखनऊ से परीक्षा देने पहुंची छात्रा नूर फातिमा का पेपर सिर्फ इसलिए छूट गया क्योंकि वह नाक में नोज पिन पहने हुई थीं. नियमों के मुताबिक मेटल पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं थी और इसी प्रक्रिया में देरी होने के कारण गेट बंद हो गया.

नोज पिन की वजह से नहीं मिली एंट्री

दरअसल, रविवार को कानपुर के 39 परीक्षा केंद्रों पर LT ग्रेड की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 23 हजार अभ्यर्थी शामिल होने पहुंचे थे. ज्ञान भारती गर्ल्स इंटर कॉलेज केंद्र पर सुबह 8:15 बजे तक ही प्रवेश की अनुमति थी. नूर फातिमा का कहना है कि वह सुबह 8 बजे केंद्र के अंदर प्रवेश कर चुकी थीं, लेकिन चेकिंग के दौरान उन्हें बताया गया कि मेटल (नोज पिन) पहनकर परीक्षा नहीं दी जा सकती.

नूर फातिमा बाहर निकलकर अपने पति को नाक की नथ (नोज पिन) देने गईं, लेकिन इसमें दो मिनट से ज्यादा का समय लग गया. जब वह दोबारा अंदर जाने लगीं, तब तक केंद्र का गेट बंद हो चुका था. छात्रा गेट पर घंटों फूट-फूटकर रोती रही और अधिकारियों से गुहार लगाती रही कि परीक्षा अभी 9 बजे शुरू होगी, लेकिन किसी ने गेट नहीं खोला.

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नहीं पसीजा अधिकारियों का दिल

छात्रा का कहना है कि उसने परीक्षा की पूरी तैयारी की थी और प्रवेश पत्र या फॉर्म में कहीं भी यह स्पष्ट नहीं लिखा था कि नाक की कील या नथ पहनकर परीक्षा नहीं दी जा सकती. कोहरे और दूर-दराज केंद्र मिलने की वजह से पहले ही परेशानी थी, ऊपर से यह सख्ती उसके भविष्य पर भारी पड़ गई.

मामले की सूचना मिलने पर एसीपी आनंद झा भी मौके पर पहुंचे और अंदर अधिकारियों से बात की, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए छात्रा को प्रवेश नहीं दिया गया. इसी केंद्र पर बांदा से आई एक अन्य छात्रा आकांक्षा गुप्ता भी इसी तरह परीक्षा देने से वंचित रह गई.

वहीं स्कूल की प्रिंसिपल नीतू शर्मा का कहना है कि परीक्षा आयोग के निर्देश हैं कि मेटल पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं है और 8:15 के बाद किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि उन्हें भी छात्रा की स्थिति पर दुख है, लेकिन नियमों से बंधे होने के कारण वो कुछ नहीं कर सकीं. 

 

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