यूपी के कानपुर में गलत तरीके से हेयर ट्रांसप्लांट की वजह से दो इंजीनियरों की मौत के मामले में आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी पुलिस के लिए 'घोस्ट सर्जन' बन चुकी हैं. पावर हाउस के इंजीनियर विपिन दुबे की मौत के बाद 15 दिन पहले एफआईआर दर्ज हुई थी, जबकि फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक की मौत को लेकर एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश अब तक लंबित है. पुलिस इस मामले में न तो अनुष्का तिवारी को अब तक गिरफ्तार कर सकी है, न ही उनका बयान ले पाई है.
पुलिस की पकड़ से दूर अनुष्का तिवारी
बताया जा रहा है कि अनुष्का तिवारी न तो प्लास्टिक सर्जन हैं, न ही हेयर ट्रांसप्लांट की विशेषज्ञ हैं. इसके बावजूद उन्होंने 12 मार्च को विपिन दुबे का ट्रांसप्लांट किया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ी और 15 मार्च को उनकी मौत हो गई. पत्नी जया ने जब रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, तो दो महीने तक पुलिस ने टाल-मटोल की. मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद ही 8-9 मई की रात को एफआईआर दर्ज हो पाई.
इसी बीच फर्रुखाबाद के इंजीनियर मयंक की मौत का मामला भी सामने आया, जिसमें परिजनों ने अनुष्का तिवारी को दोषी ठहराया है. पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है, लेकिन अभी जांच की बात कहकर उसे टाल दिया गया है.
मृतक के परिजन कर रहे न्याय की मांग
हैरानी की बात यह है कि अनुष्का तिवारी क्लीनिक का बोर्ड उतारकर और ताला लगाकर पति सौरभ के साथ फरार हो गई है. उनका लोकेशन हरियाणा के रोहतक और पानीपत में मिला, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई. इसके उलट अनुष्का ने वकील के जरिए कानपुर कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर दी, जिस पर सुनवाई 2 जून को होनी है.
वकील आशुतोष कुमार मिश्रा ने उनकी ओर से पैरवी की है. जया और मयंक के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रही. जया का कहना है कि डॉक्टर ने मेरे पति की जान ली है, मैं उसे सजा दिलाकर ही रहूंगी.'