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हाथरस हादसे की न्यायिक जांच का ऐलान, मरने वालों में राजस्थान, MP और हरियाणा के श्रद्धालु भी शामिल

सीएम योगी ने बताया कि आगरा जोन के ADG की अध्यक्षता में SIT गठित की गई है. यह जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए. हादसे के कारणों, हादसे के जिम्मेदारों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है.

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हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे में 121 लोगों की मौत हो चुकी है. (फाइल फोटो-PTI)
हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे में 121 लोगों की मौत हो चुकी है. (फाइल फोटो-PTI)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे पर बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा,'इस हादसे में 121 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है. यूपी के साथ साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल थे. यूपी के 16 जिलों के लोगों की इस हादसे में मृत्यु हुई है. इस प्रकार के आयोजन में सेवादार प्रशासन को घुसने नहीं देते.'

सीएम योगी ने बताया कि आगरा जोन के ADG की अध्यक्षता में SIT गठित की गई है. यह जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए. हादसे के कारणों, हादसे के जिम्मेदारों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की न्यायिक जांच की जाएगी, जो रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में होगी. न्यायिक जांच करने वाली कमेटी अपनी सिफारिश देगी, जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. हॉस्पिटल में जिनका इलाज चल रहा वो खतरे से बाहर हैं. 

80 हजार की अनुमति और 2.5 लाख श्रद्धालु

बता दें कि हाथरस हादसे में एक FIR दर्ज कराई गई है. इसके मुताबिक, सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलरई-मुगलगढ़ी के बीच जीटी रोड के पास नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग का आयोजन देवप्रकाश मधुकर और अन्य लोगों ने कराया था. देवप्रकाश हाथरस का ही रहने वाला है और बाबा का मुख्य सेवादार है. आयोजनकर्ताओं ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी. मगर मौके पर लगभग ढाई लाख से ज्यादा श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई.

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पूरी तरह से जाम हो गई थी सड़क

एफआईआर में बताया गया कि मौके पर तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भीड़ को सामान्य किए जाने का प्रयास किया जा रहा था. क्योंकि सड़क पूरी तरह से जाम हो गई थी. इसी दौरान कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता 'भोले बाबा' प्रवचन समाप्त होने के बाद गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे. जिसपर श्रृद्धालुजनों (महिला, पुरुष और बच्चों) द्वारा बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया गया. जिसके चलते कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके भक्त दबने-कुचलने लगे, जिससे चीखपुकार मच गई.

भक्तों को रोका तो बढ़ा भीड़ का दबाव

FIR के मुताबिक, इसके बाद कार्यक्रम स्थल के पास जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया. जिसके कारण लाखों व्यक्तियों की भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए. भगदड़ में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरणासन्न हो गई. इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए, बाद में इनमें से 121 लोगों की मौत हो गई. घायलों को हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में उपचार के लिए भिजवाया गया.

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