कानपुर आईआईटी में एक बार फिर आत्महत्या की घटना सामने आई है. सिर्फ दो साल में यह सातवीं घटना है. इस बार भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. छात्र का शव तीन दिनों तक उसके कमरे में लटका रहा, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी.
दरअसल, आईआईटी कानपुर में धीरज सैनी नाम के छात्र ने आत्महत्या कर ली. वह बीटेक फाइनल ईयर का छात्र था. यह घटना बुधवार, 2 अक्टूबर, 2025 को सामने आई. यह आत्महत्या हॉस्टल नंबर 1 में हुई. बदबू आने के बाद इस घटना का पता चला.
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धीरज ने संभवतः 3 दिन पहले आत्महत्या की थी. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है. इस घटना ने सभी को सोच ने पर मजबूर कर दिया है.
बदबू से हुआ खुलासा
धीरज सैनी हरियाणा के रहने वाले थे और केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे. वह हॉस्टल में अकेले रहते थे. बुधवार को जब उनके कमरे से बदबू आने लगी और कमरे से बदबूदार पानी बाहर निकलने लगा, तब आसपास के छात्रों को शक हुआ. उन्होंने तुरंत आईआईटी प्रशासन और पुलिस को सूचना दी. कल्याणपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला.
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर आईआईटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आईआईटी प्रशासन दावा करता है कि वह हर छात्र की काउंसलिंग करता है और उन पर नजर रखता है. इसके बावजूद, पिछले दो सालों में छात्रों की आत्महत्या की यह सातवीं घटना है.
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एसीपी रजनीश कुमार के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा. हैरानी की बात यह है कि पिछली घटनाओं की तरह इस बार भी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. फिलहाल, पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है. मृतक के परिजन कानपुर पहुंचे हुए हैं.
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