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मर्दों से है नफरत… बदायूं में दो लड़कियों ने आपस में की शादी, मंदिर में एक दूसरे को पहनाई वरमाला, कहानी आशा और ज्योति की

लड़कियों ने कहा कि हम लोग आपस में सहेलियां हैं और लगभग 3 महीने से एक साथ रह रहे हैं. आगे भी हम दोनों पति-पत्नी के रूप में एक साथ जीवन भर रहना चाहते हैं. लेकिन एक ही लिंग के होने की वजह से कानूनन शादी नहीं हो पाई, जिसके चलते कलेक्ट्रेट स्थित शिव मंदिर में एक दूसरे को जयमाला पहनाकर शादी रचाई और जिंदगी भर एक दूसरे के साथ रहने की कसम खाई. 

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बदायूं में आशा और ज्योति की शादी
बदायूं में आशा और ज्योति की शादी

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में दो लड़कियों ने आपस में शादी रचा ली. इसमें आशा नाम की लड़की पति बनी, जबकि ज्योति नाम की लड़की पत्नी बनी. उन्होंने मंदिर में एक दूसरे को वरमाला पहनाकर साथ जीने मरने की कसम खाई. फिलहाल, इलाके में आशा और ज्योति की शादी चर्चा का विषय है. आइए जानते हैं पूरा मामला...  

दरअसल, बदायूं के थाना सिविल लाइंस स्थित कचहरी परिसर में बीते दिन एक अनोखा मामला देखने को मिला. यहां दिवाकर वर्मा नामक एडवोकेट के चेंबर के समीप शिव मंदिर में दो लव जिहाद की शिकार सहेलियों आशा और ज्योति ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर शादी कर ली. उन्होंने एडवोकेट दिवाकर से आपस में शादी करने की इच्छा प्रकट की थी, जिसके बाद एडवोकेट ने उनकी मदद की. 

लड़कियों ने कहा कि हम लोग आपस में सहेलियां हैं और लगभग 3 महीने से एक साथ रह रहे हैं. आगे भी हम दोनों पति-पत्नी के रूप में एक साथ जीवन भर रहना चाहते हैं. लेकिन एक ही लिंग के होने की वजह से कानूनन शादी नहीं हो सकी, जिसके चलते कलेक्ट्रेट स्थित शिव मंदिर में एक दूसरे को जयमाला पहनाकर शादी रचाई और जिंदगी भर एक दूसरे के साथ रहने की कसम खाई. 

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ज्योति से शादी कर पति बनी आशा ने बताया कि वह पुरुष समाज से नफरत करती है. दो गैर समुदाय के लड़कों ने अपना नाम बदलकर उनसे प्यार का नाटक किया, शादी का वादा किया, आखिर में धोखा दे दिया. कानून ने भी उन दोषियों को कोई सजा नहीं दी. इसलिए अब हम पुरुष से शादी ही नहीं करना चाहते. भले ही कानून हमें शादी करने की इजाजत नहीं देता, लेकिन हमने मंदिर परिसर में शादी कर ली है. 

वहीं, पत्नि बनी युवती ज्योति ने कहा कि भले ही कानूनी रूप से हमारी शादी वैध ना हो लेकिन हम दोनों अब जीवन भर साथ-साथ रहेंगे. पति-पत्नी के रूप में एक दूसरे का सहारा बनेंगे. ज्योति ने आगे कहा कि हम यह कदम पुरुषों से नफरत होने के कारण उठा रहे हैं. हम लोगों को गैरसमुदाय के लड़कों ने धोखा दिया है. 

दोनों युवतियों का यह भी कहना है कि अगर परिवार वाले उनसे संबंध रखते हैं तो ठीक है वरना वह दोनों एक दूसरे के सहारे पूरा जीवन काट लेंगी. सरकार लव जिहाद पर भले ही कितनी भी सख्त हो मगर उनको धोखा देने वालों को सजा नहीं मिली है.

मामले में आशा और ज्योति के वकील दिवाकर वर्मा ने बताया कि दोनों लड़कियां मेरे पास आई थीं और उन्होंने कहा कि हम शादी करना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हम मर्दों से बहुत ज्यादा नफरत करते हैं. मर्दों ने हमारे साथ बहुत अत्याचार किया है. मुस्लिम लड़कों ने उनको प्यार में धोखा दिया, दोनों लव जिहाद का शिकार हुई हैं. उनकी बातें सुनने के बाद कचहरी परिसर के मंदिर में शादी करवा दी. 

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