हलाल प्रमाण पत्र देने के मामले में यूपी पुलिस ने दर्ज एफआईआर में जांच शुरू कर दी है. हजरतगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराने वाले शैलेंद्र शर्मा का बयान दर्ज कर लिया है. लखनऊ की हजरतंगज पुलिस अब एफआईआर में नामजद संस्थाओं को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है. हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई/ जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली/ हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई/ जमीयत उलेमा महाराष्ट्र को भी नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा.
हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं से होगी पूछताछ
सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाओं से पूछा जाएगा कि हलाल प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कितनी फीस ली जाती है? संस्था द्वारा हलाल के प्रमाण पत्र कब से जारी किए जा रहे हैं? और कौन-कौन सी कंपनियां उनसे हलाल का प्रमाण पत्र लेती हैं. आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को ही हजरतगंज कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों से हलाल प्रमाण पत्र देने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर में कहा गया कि हलाल प्रमाणीकरण के नाम पर विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही इसके जरिए प्राप्त पैसों का इस्तेमाल राष्ट्र-विरोधी, अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों की फंडिंग के लिए किया जा रहा है.
सपा बोली- हलाल संस्थाओं को मिले भारत रत्न
वहीं इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमई ने कहा था कि हलाल संस्थाओं को भारत रत्न मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हलाल उर्दू शब्द न होता तो हलाल न होता, व्यापार लाने के लिए हलाल संस्थाओं को भारत रत्न मिलना चाहिए. हलाल संस्थाओं को तो भारत रत्न दे देना चाहिए जो लाखों करोड़ों का व्यापार भारत में ला रहे है. योगी शरीफ आदमी हैं उन्हें व्यापार की समझ नहीं है. पतंजलि अमूल नेशले के ज्यादातर प्रोडक्ट हलाल सर्टिफाइड हैं, सबको नोटिस दे दें. हलाल का शरिया से कोई लेना देना नही है.'
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है.यूपी सरकार ने शनिवार को राज्य में हलाल सर्टिफाइड (Halal Certified Products) उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, निर्यात उत्पादों (Export Items) को इस प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा गया है. उत्तर प्रदेश की फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) की आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने शनिवार को इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की थी.
हलाल सर्टिफिकेशन क्या है?
हलाल प्रमाणीकरण इस बात की गारंटी है कि उत्पाद इस्लामी कानून के अनुसार तैयार किया गया है और मिलावट रहित है. भारत में, हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के लिए किसी संस्था को मान्यता प्राप्त नहीं है, जबकि अरब देशों में एक मजिस्ट्रेट हलाल प्रमाणपत्र जारी करता है. भारत में, सिर्फ FSSAI और ISI जैसी सरकार द्वारा संचालित संस्थाएं ही खाद्य उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत हैं. यूपी सरकार के मुताबिक, अब मिठाई और नमकीन, खाद्य उत्पाद, कोल्ड ड्रिंक, जूस, आइसक्रीम, सौंदर्य प्रसाधन, खाद्यान्न, चिकित्सा उत्पाद और अन्य वस्तुओं को हलाल प्रमाणित जाने लगा है, जिस कारण यह प्रतिबंध लगाना पड़ा है.