यूपी के गाजियाबाद में अपराधियों की फर्जी जमानत कराकर उन्हें जेल से छुड़ाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. क्राइम ब्रांच और थाना कविनगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, मोहरें और अन्य सामग्री बरामद की गई है. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने अब तक करीब 700 अपराधियों को फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए जमानत दिलवाई थी.
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह फर्जी खतौनी और आधार कार्ड बनाकर अदालत में फर्जी दस्तावेज जमा कराता था. इस गिरोह ने अब तक लगभग 600 से 700 अपराधियों की फर्जी तरीके से जमानत कराई है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी खतौनी, आधार कार्ड, बेल बॉन्ड, रसीद टिकट और थानों के मोहरों सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह गिरोह छह साल से फर्जी दस्तावेज बनाकर काम कर रहा है. मुख्य आरोपी अनोज यादव ने बताया कि वह पहले नोएडा की एक कंपनी में डिजाइनर सुपरवाइजर था, लेकिन नौकरी जाने के बाद यह गिरोह से जुड़ गया. विकास उर्फ सम्राट फर्जी कागजात तैयार करता था.
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह पहले आरोपी से जमानत राशि के अनुसार 5 से 10 हजार रुपये वसूल करता था. इसके बाद भूलेख से खतौनी निकालकर फर्जी आधार कार्ड बनवाया जाता था. इसके बाद दस्तावेजों पर सीएससी जन सेवा केंद्र की मोहर लगाकर प्रमाणित किया जाता और थाने की मोहर भी खुद लगाकर फर्जी जमानत की प्रक्रिया पूरी की जाती थी.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में मेरठ का अनोज यादव, गाजियाबाद का इसरार, मोदीनगर का बबलू, लोकेन्द्र, राहुल शर्मा, सुनील कुमार और विकास राजपूत शामिल है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप, 21 फर्जी आधार कार्ड, 18 फर्जी खतौनी, 5 बिना भरे बेल बॉन्ड, 5 रसीद टिकट, 10 फर्जी मोहरें, और स्टाम्प पैड बरामद हुआ है. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है.