जेल अस्पताल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हुए हमले की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. प्रशासन ने घटना को आकस्मिक बताया है और कहा है कि हमला किसी राजनीतिक या सुनियोजित साजिश का हिस्सा नहीं था.
दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस हमले को लेकर जेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए थे. अखिलेश ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी और कहा था कि उत्तर प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है. हालांकि, जांच में ऐसी कोई बात साबित नहीं हुई है. गायत्री, समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे हैं. उन पर खनन घोटाले समेत कई गंभीर आरोप हैं. वे लंबे समय से जेल में बंद हैं.
गायत्री प्रजापति पर हुए हमले की जांच पूरी हो गई है. डीआईजी जेल की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि घटना आकस्मिक थी और इसमें राजनीतिक साजिश के आरोप साबित नहीं हुए.
कहासुनी के बाद हुआ हमला
रिपोर्ट के मुताबिक दवा वितरण के दौरान एक बंदी से प्रजापति की कहासुनी हो गई थी. इसी विवाद के बाद बंदी ने लोहे की पटरी से प्रजापति के सिर पर वार कर दिया. इस हमले में उन्हें चोटें आईं और उन्हें तुरंत अस्पताल में प्राथमिक इलाज दिया गया. उसके बाद उन्हें सुरक्षित वापस जेल भेज दिया गया.
जांच टीम ने इस मामले में जेल अस्पताल के स्टाफ और उस समय मौजूद बंदियों के बयान दर्ज किए. सभी के बयान एक जैसे मिले और किसी ने भी किसी तरह की पूर्व योजना या साजिश की बात नहीं कही.
शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट
रिपोर्ट में शामिल सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से पड़ताल की गई, लेकिन उसमें भी किसी राजनीतिक या संगठित साजिश का कोई प्रमाण नहीं मिला. फुटेज से यही स्पष्ट हुआ कि विवाद अचानक हुआ और उसी के बाद हमला किया गया. जेल प्रशासन ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है. अब आगे की कार्रवाई शासन स्तर पर तय की जाएगी.
जेल प्रशासन ने क्या बताया था?
इससे पहले अक्टूबर में लखनऊ कारागार रेंज के DIG डॉ. राम धनी ने दावा किया था कि यह हमला किसी पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा नहीं है, बल्कि अचानक हुई झड़प का नतीजा था. उन्होंने बताया था कि प्रजापति ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके बाद आरोपी बंदी ने गुस्से में आकर हमला कर दिया था. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने हालात को संभाला और प्रजापति को मेडिकल टीम के पास भेजा था.
क्यों विवाद हुआ था?
जेल अस्पताल में कैदी विश्वास सफाई का काम कर रहा था. उसकी गायत्री प्रजापति से बहस हो गई थी. देखते ही देखते धक्का-मुक्की में बदल गई. इसी दौरान कैदी ने अलमारी के नीचे लगे स्लाइडिंग के हिस्से से प्रजापति पर हमला कर दिया, जिससे उनके सिर में चोटें आईं.